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सिर्फ घोटाला शब्द पर ही तेजस्वी यादव का खुलता है मुंह और बुद्धि : विजय सिन्हा

बिहार की सियासत में एक बार फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर जनता का पैसा लूटने का गंभीर आरोप लगाया है

सिर्फ घोटाला शब्द पर ही तेजस्वी यादव का खुलता है मुंह और बुद्धि : विजय सिन्हा
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पटना। बिहार की सियासत में एक बार फिर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए सरकार पर जनता का पैसा लूटने का गंभीर आरोप लगाया है। इसके बाद उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने पलटवार करते हुए तेजस्वी को आड़े हाथों लिया।

विजय सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी की बुद्धि और मुंह सिर्फ घोटाला शब्द पर ही खुलता है। जब तेजस्वी उपमुख्यमंत्री थे, तब सड़क निर्माण विभाग में 26 करोड़ रुपये अतिरिक्त देने के मामले पर वह चुप क्यों रहे?

इंडिया गठबंधन की बैठक और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बिहार दौरे को लेकर भी विजय सिन्हा ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि बिहार को अब अभिनेता नहीं, बल्कि जनता का सच्चा सेवक और नायक चाहिए। जो लोग सोने का चम्मच लेकर राजनीति करते हैं, जनता उनसे मुक्ति चाहती है। बिहार को ऐसा नेता चाहिए जो जमीन से जुड़ा हो और जनता के हित में काम करे।

बीजेपी नेता और अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग वाले बयान का विजय सिन्हा ने समर्थन किया। सिन्हा ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह राज्य को बांग्लादेश में तब्दील करने की कोशिश कर रही हैं। सीएम ममता बनर्जी की नीतियों के कारण बंगाल की संस्कृति और सनातन धर्म खतरे में है। बांग्लादेश से आए लोग पश्चिम बंगाल में हिंदुओं और सनातनियों पर हमले कर रहे हैं और पुलिस इस मामले में निष्क्रिय है। वह इन मुद्दों पर उच्च स्तरीय जांच क्यों नहीं करवा रही हैं।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि अगर बिहार के हित के लिए उन्हें केंद्र से हटना पड़े, तो वह इसके लिए तैयार हैं। इस बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कहा कि निश्चित तौर पर चिराग पासवान बिहार के बेटे हैं। वह बिहार से जुड़े रहे हैं और बिहार का सम्मान बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वह बिहारी शब्द को गाली के रूप में इस्तेमाल करने की मानसिकता को खत्म करने के लिए जमीन पर और मेहनत करें। बिहार की जनता अब उस अराजकता और जंगलराज की सोच से मुक्ति चाहती है, जिसे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने पाला-पोसा है। राजद की नीतियों ने बिहार को पीछे धकेला और अब समय आ गया है कि बिहार को ऐसी सोच से आजादी मिले।


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