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मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए तेजस्वी ने नीतीश को पत्र लिखकर मांगी अनुमति

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर अस्पतालों के अन्दर जाकर मरीजों को राहत पहुंचाने की मांग की

मरीजों को राहत पहुंचाने के लिए तेजस्वी ने नीतीश को पत्र लिखकर मांगी अनुमति
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पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखकर अस्पतालों के अन्दर जाकर मरीजों एवं उनके परिजनों से मिलने तथा राहत पहुंचाने, कोविड केयर सेंटर खोलने तथा सामुदायिक किचन इत्यादि चलाने की अनुमति मांगी है। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आशा व्यक्त करते हुए कहा कि इस पत्र का मानवीय हित में आप अवश्य ही जवाब देंगे अन्यथा लगभग विगत चार वर्षों में आपने मेरे किसी पत्र का कभी कोई जवाब नहीं दिया।

उन्होंने पत्र में लिखा, "मुख्यमंत्री जी, वैश्विक महामारी कोविड-19 के साथ-साथ उच्च स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की अव्यवस्था, उदासीनता, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी, आवश्यक दवाओं एवं ऑक्सीजन आदि की कालाबाजारी तथा सरकार की असंवेदनशीलता भी चरम पर है।"

उन्होंने कहा कि अब यह महामारी शहरी इलाके के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी भयावह रूप से फैल चुकी है। वर्तमान में बिहार की स्वास्थ्य संरचना और सेवाओं की क्या स्थिति है, यह किसी से छिपा नहीं है?

उन्होंने आगे लिखा है कि राज्यपाल द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हमने 30 महत्वपूर्ण सुझाव रखे थे, जिसमें एक सुझाव में एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करने की भी बात कही थी, लेकिन दुर्भाग्यवश आपकी सरकार ने इसका गठन नहीं किया। शायद इससे वास्तविक आंकड़े सार्वजनिक हो जाते तथा संस्थागत भ्रष्टाचार पर अंकुश लग जाता।

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता ने अपने पत्र में लिखा, "जब कोई बड़ा संकट आता है तो पीड़ितों द्वारा अपना तारणहार खोजना स्वाभाविक है। आपके दल के ही लोग प्रतिदिन बयान जारी कर कहते हैं कि मुख्यमंत्री की बजाय नेता प्रतिपक्ष को स्वयं फ्रंट पर रहकर कोरोना जांच, जीवन रक्षक दवाओं, बेड, ऑक्सीजन तथा अस्पताल सुनिश्चित व सुव्यवस्थित कराने के साथ साथ कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई की अगुवाई करनी चाहिए।"

पत्र में यह भी लिखा गया है, "जब-जब जनहित के मुद्दों को लेकर मैं सड़क पर निकला हूं, तब-तब मुझ पर महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है जोकि मेरे संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकने का एक नाजीवादी विचार व प्रयास है।"

पत्र में अंत में कहा गया है, "कोविड जैसी महामारी में स्वास्थ्य विभाग की लचर अव्यवस्था एवं असंवेदनशीलता से जूझती जनता के लिए हम एवं हमारे सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों को आवश्यक जीवनरक्षक दवाएं, ऑक्सीजन सिलेन्डर, बेड इत्यादि मुहैया करवा रहे हैं। मैं इन सारे कार्यो का स्वयं पर्यवेक्षण करना चाहता हूं।"

राजद नेता ने पत्र में अनुरोध करते हुए लिखा, "राज्य के सभी विधायक सहित मुझे भी राज्य के किसी अस्पताल, पीएचसी, कोविड केयर सेंटर आदि के अन्दर जाकर मरीजों एवं उनके परिजनों से मिलने तथा राहत पहुंचाने, कोविड केयर सेंटर खोलने तथा सामुदायिक किचन इत्यादि चलाने की अनुमति प्रदान की जाए।"


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