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तेजस्वी का नीतीश के सुशासन पर हमला

लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की करारी हार के बाद से ही सक्रिय राजनीति से दूर रहे राजद नेता तेजस्वी यादव पटना लौटते ही एक्शन में आ गए हैं।

तेजस्वी का नीतीश के सुशासन पर हमला
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पटना । लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की करारी हार के बाद से ही सक्रिय राजनीति से दूर रहे राजद नेता तेजस्वी यादव पटना लौटते ही एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सुशासन पर हमला बोला है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कथित 'सुशासन' पर कटाक्ष करते हुए शुक्रवार को ट्वीट किया, "आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश जी, आप जानते हैं कि नहीं, 14 वर्ष से आपके अधीन बिहार पुलिस की न बंदूक चलती है और न जीप ही। अपराध खत्म करने की चिंता किसे है? जब पुलिस जानती है कि हमारे सीएम साहब और उनकी टोली के जुबानी सुशासनी हमले इतने तेज हैं कि उन्हीं से अपराधी थर-थर कांप जाते हैं।"

गौरतलब है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र की अंत्येष्टि के दौरान जब राज्य पुलिस के जवानों ने उन्हें बंदूकों की सलामी देनी चाही तो उनकी एक भी बंदूक चल नहीं पाई थी। तेजस्वी उसी का यहां जिक्र कर रहे थे।

तेजस्वी यादव पूरे एक्शन में आ गए हैं, और एक बार फिर पार्टी में जान फूंकने में जुट गए हैं। इस संबंध में पार्टी की एक बैठक रविवार को बुलाई गई है, जिसमें तेजस्वी हिस्सा लेने वाले हैं।

राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने शुक्रवार को आईएएनएस से कहा, "25 अगस्त को पार्टी की बैठक बुलाई गई है, जिसमें पार्टी द्वारा चलाए रहे सदस्यता अभियान की समीक्षा की जाएगी। तेजस्वी यादव इसमें हिस्सा लेंगे।"

तिवारी ने कहा कि पार्टी नेता तेजस्वी यादव कुछ निजी कामों से बाहर थे, परंतु उनके दिशानिर्देश पर ही पार्टी कार्य कर रही थी।

सूत्रों के अनुसार, 25 अगस्त को बुलाई गई राजद विधायकों और प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक में न केवल सांगठनिक चुनाव पर चर्चा की जानी है, बल्कि पार्टी की आगे की रणनीति भी तय की जानी है।

उक्त बैठक पार्टी के राष्ट्रीय चुनाव पदाधिकारी जगदानंद सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर बुलाई है।

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के बाद से तेजस्वी यादव लगातार सक्रिय राजनीति से दूर थे। वह राजद के कार्यक्रमों में भी हिस्सा नहीं ले रहे थे। वह विधानसभा के मॉनसून सत्र में दो दिन सदन में जरूर उपस्थित हुए थे, परंतु किसी भी वाद-विवाद में हिस्सा नहीं लिए थे। जबकि वह सदन में नेता प्रतिपक्ष हैं।

इस बीच, मंगलवार रात पटना लौटे तेजस्वी बुधवार को ही एक्शन में आ गए। उन्होंने अपने बड़े भाई तेज प्रताप यादव और राजद नेताओं के साथ पटना रेलवे स्टेशन के पास अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत दूध मार्केट तोड़े जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया और करीब छह घंटे तक धरने पर बैठे रहे।

उजाड़े गए दूध व्यवसायियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने के प्रशासन के आश्वासन के बाद ही तेजस्वी धरने से उठे।

तेजस्वी की सक्रियता से ऐसा लगता है कि राजद चुनावी मोड में आ गया है।

गौरतलब है कि अगले वर्ष होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राजद ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पहले ही घोषित कर रखा है। अब राजद के कुछ विधायक तेजस्वी को राजद का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं।


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