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पॉलीथिन जागरूकता को लेकर एक साल पहले बनी टीम, काम शून्य

पॉलीथिन बेन को लेकर प्राधिकरण कितना जागरूक है

पॉलीथिन जागरूकता को लेकर एक साल पहले बनी टीम, काम शून्य
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नोएडा। पॉलीथिन बेन को लेकर प्राधिकरण कितना जागरूक है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गत एक साल में प्राधिकरण ने जागरूकता के लिए एक भी अभियान नहीं चलाया।

न ही शहर में घूमकर पालिथीन बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की। जबकि एक साल पहले प्राधिकरण ने पॉलीथिन जागरूकता को लेकर दस सदस्यी टीम का गठन किया है। हैरानी की बात यह है कि आला अधिकारियों को इस टीम और अभियान के बारे में जानकारी तक नहीं है।

शहर में पॉलीथिन का धड़ल्ले से प्रयोग किया जा रहा है। इसके जलने से कार्बन मोनो आक्साइड व अन्य जहरीली गैसों का उत्सर्जन होता है। यही नहीं वाष्पन प्रक्रिया के संपर्क में आने से कई अन्य खतरनाक तत्वों का जन्म देता है। यही नहीं मवेशियों की मौत की वजह भी पॉलीथिन है। लिहाजा हाईकोर्ट ने दिसम्बर 2015 में प्रदेश में पॉलीथिन को बंद कर दिया था।

यही नहीं शासन व प्राधिकरण स्तर पर पॉलीथिन का प्रयोग करने वाले लोगों पर कार्यवाही करने व लोगों को जागरूक करने के आदेश दिए थे। इसको लेकर शहर के सामाजिक संगठनों ने काफी सराहनीय कार्य किया। लेकिन प्राधिकरण का ग्राफ इस मामले में शून्य रहा। गत एक साल पहले दस अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलकर एक टीम का गठन किया गया।

टीम का मुख्य कार्य शहर के सेक्टरों व बाजारों में जाकर लोगों को पॉलीथिन के प्रति जागरूक करना था। साथ ही पालिथीन बेचने व बनाने वालों के खिलाफ कार्यवाही करना था। एक साल बीत जाने के बाद भी एक भी जागरूक कार्यक्रम नहीं चलाया गया और न ही किसी का चलान किया गया।


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