टीम लॉकडाउन के दौरान पिछले मैचों का विश्लेषण कर रही है : श्रीजेश
भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश ने कोरोनावावयरस के कारण टोक्यो ओलंपिक के एक साल तक स्थगित होने पर निराशा जताई

बेंगलुरु । भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश ने कोरोनावावयरस के कारण टोक्यो ओलंपिक के एक साल तक स्थगित होने पर निराशा जताई है।
भारत ने ओलंपिक में अपना पिछला पदक 1980 में जीता था। उसके बाद से उसे अब टोक्यो ओलंपिक में अपना पदकों का सूखा खत्म करने का मौका था, लेकिन ओलंपिक को 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
श्रीजेश ने कहा, "ओलंपिक का स्थगित होना निराशाजनक है। हम पिछले एक साल से ओलंपिक पर ही ध्यान लगाए हुए थे। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के बाद से हमने हॉकी प्रो लीग में शानदार प्रदर्शन किया। लेकिन कोरोना के आने के कारण सबकुछ बदल गया।"
उन्होंने कहा कि ओलंपिक स्थगित होने के बावजूद टीम इस बात को सुनिश्चित कर रही है कि ओलंपिक में पदक जीतने पर उसका ध्यान बना रहे।
भारतीय गोलकीपर ने कहा, " हर कोई मानसिक रूप से ओलंपिक की तैयारी कर रहा है। ओलंपिक में पदक जीतने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें पहले दिन से ही अगले 365-400 दिनों तक कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। इस समय हमें खुद को फिट रखने की जरूरत है और इस बात की चिंता नहीं करनी है कि आगे क्या होगा। हम उस चीज को नहीं बदल सकते हैं जो हमारे हाथ में नहीं है।"
लॉकडाउन के बीच भारतीय टीम इस समय बेंगलुरु के भारतीय खेल प्राधिकरण में अभ्यास कर रही है। श्रीजेश ने कहा, " खिलाड़ी फिटनेस हासिल करने के लिए काम कर रहे हैं। दूरी को ध्यान में रखते हुए हम दो खिलाड़ियों के ग्रुप में अभ्यास कर रहे हैं।"
उन्होंने साथ ही कहा कि टीम इस समय अपने पुराने मैचों को भी देख रही है और इस बात पर ध्यान दे रही है कि उनसे कहां गलती हुई थी ताकि उन गलतियों को आगामी मैचों में सुधारा जा सके।
श्रीजेश ने कहा, "हम पिछले मैचों को देख रहे हैं और उसका विश्लेषण कर रहे हैं। हम सब अपने अपने रूम में उन मैचों का वीडियो देख रहे हैं और अपनी अपनी राय दे रहे हैं। मैचों को लेकर हम सवाल करते हैं और कोच आनलाइन हमें उसका जवाब दे रहे हैं। हॉकी से जुड़े रहने के लिए हम यही सब कर रहे हैं। "
31 साल के खिलाड़ी ने इस मुश्किल समय में देशवासियों से व्यक्तिगत स्तर पर अपनी अपनी जिम्मेदारी निभाने की अपील की है।
श्रीजेश ने कहा, "इस स्थिति में मेरा यह संदेश सभी के लिए है ना कि किसी एक के लिए। कभी कभी हम कहते हैं कि यह मेरी जिम्मेदारी नहीं है, यह किसी और की जिम्मेदारी है। इस बार मेरी यह जिम्मेदारी है कि कोरोना को खुद से दूर रखूं और दूसरों को भी इससे बचने में मदद करूं।"


