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सीएम योगी की 'अटेंडेंस बाई सेल्फी' एप के विरोध में शिक्षक

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बहुप्रचारित 'प्रेरणा' एप, जिसके जरिए शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में एक सेल्फी क्लिक कर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होती, वह एप अब संकट में फंस गया

सीएम योगी की अटेंडेंस बाई सेल्फी एप के विरोध में शिक्षक
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बहुप्रचारित 'प्रेरणा' एप, जिसके जरिए शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में एक सेल्फी क्लिक कर अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होती, वह एप अब संकट में फंस गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार इस एप को पांच सितंबर को लॉन्च करने वाली है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि विद्यार्थी और शिक्षक नियमित तौर पर स्कूल आ रहे हैं या नहीं। लेकिन सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों की शीर्ष संस्था एप की लॉन्चिंग से एक दिन पहले यानी चार सितंबर को इस एप के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन आयोजित करने की तैयारी में है।

स्कूल में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए एप्लिकेशन पर शिक्षकों को अपने छात्रों के साथ दिन में तीन बार सेल्फी क्लिक कर उसे संबंधित अधिकारियों को भेजना पड़ेगा।

वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ ने कहा है कि मोबाइल एप्लिकेशन महिलाओं की निजता का हनन करेगा, जो कि उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। कुछ जिलों में पहले ही परीक्षण किए जा चुके एप को लेकर महिला शिक्षक एप पर अपनी तस्वीरों के उपयोग को लेकर आशंकित हैं।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडेय ने कहा, "महिला शिक्षकों की तस्वीरें लीक हो सकती हैं और उनका दुरुपयोग किया जा सकता है। यह उनके निजता के अधिकार का हनन है। अगर उनकी तस्वीरों का दुरुपयोग हुआ तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?"

वहीं लखनऊ के एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ने कहा, "इन दिनों किसी भी तस्वीर को आसानी से बदला जा सकता है। इसके अलावा, उपस्थिति दर्ज कराने के लिए विद्यार्थियों के साथ एक सेल्फी क्लिक करना बहुत प्रैक्टिकल आईडिया नहीं है। कई जगह इंटरनेट सेवाएं अनियमित हैं और किसी को सिर्फ इसलिए अनुपस्थित करार नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि उसके पास इंटरनेट नहीं है और वह सेल्फी अपलोड नहीं कर सकें।"


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