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अध्यापक सम्मेलन में सरकार की नीतियों से नाराज नजर आए अध्यापक

 हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं एसटीएफआई के राज्य सम्मेलन पलवल के दूसरे दिन कर्मचारी नेताओं ने सरकार की जनशिक्षा व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली

अध्यापक सम्मेलन में सरकार की नीतियों से नाराज नजर आए अध्यापक
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पलवल। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं एसटीएफआई के राज्य सम्मेलन पलवल के दूसरे दिन कर्मचारी नेताओं ने सरकार की जनशिक्षा व जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। महासचिव सीएन भारती द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर सभी जिलों ने अपने अमूल्य सुझाव देकर इसे समृद्ध बनाया।

सभी की राय थी कि हरियाणा के शिक्षक को एकताबद्ध करके जनशिक्षा तथा जनपक्षीय नीतियों को लागू करवाने के लिए एक जुझारू आंदोलन चलाया जाए। दूसरे दिन महिला शैक्षणिक सत्र मेंंं प्रतिनिधियों के इलावा सैकड़ों महिला शिक्षिकाओं ने भाग लिया। जिसमंे बालिकाओं की शिक्षा पर बोलते हुए प्रबुद्ध अर्थशास्त्री समिता गुप्ता ने कहा कि सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दे रही है, जबकि हमारी शिक्षा व्यवस्था लड़कियों को शिक्षा से दूर कर रही है।

उन्होंने अपने राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व बिहार जैसे राज्यों का उदाहरण देते हुए बताया कि बालिका शिक्षा का बुरा हाल है। मुस्लिम समाज मे लड़कियां पढ़ना चाहती हैं, परंतु समाज व सरकार उन्हें अपेक्षित सुभिधाएं नहीं दे रहें हैं। क्या हम आजादी के 70 साल बाद स्कूल व शिक्षक उपलब्ध नहीं करवा सकते तो फिर कैसा विकास हो रहा है?

उन्होंने महिलाओं से संबंधित सेवा में होने वाली परेशानियों से अवगत कराया। सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा की उपप्रधान सविता ने बोलते हुए कहा कि जिस दिन घरेलू महिलाओं के काम का आंकलन किया जाएगा, उस दिन दुनिया की सबसे बड़ी श्रम चोरी पकड़ी जाएगी।

समानता शिक्षा से ही मिल सकती है। हरियाणा जन शिक्षा अधिकार मंच राज्य संयोजक जरनैल सिंह सांगवान ने कहा कि जन शिक्षा को बचाना केवल शिक्षकों का ही कार्य नही है, अपितु पूरा समाज जन शिक्षा का लाभार्थी है। इसलिए इसको बचाने के लिए सभी को जागरूक व लामबंद होना पड़ेगा।


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