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विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी खुले में शौच जाने मजबूर

 गौरेला विकासखंड मुख्यालय से  8 किलोमीटर दूर शासकीय  हायर सेकेण्डरी स्कूल नेवसा  में हालात प्राइमरी-मिडिल से भी बदतर हैं

विद्यार्थियों के साथ शिक्षक भी खुले में शौच जाने मजबूर
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गौरेला। गौरेला विकासखंड मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल नेवसा में हालात प्राइमरी-मिडिल से भी बदतर हैं। न बालक बालिकाओं के लिए शौचालय है और न ही पीने का पानी। बोरिंग तो है लेकिन पानी पीने योग्य नही है, जिसके करण विद्यार्थियों को घर से बोतल लेकर स्कूल जाते हैं।

चपरासी यहां आसपास लगे दूसरे बोरिंग से पानी लाता है। स्कूल ऐसा है कि बाउंड्रीवॉल तक नहीं है। बालक बालिकाओं को शर्मसार करने वाले इस स्कूल पर जिम्मेदारों की अब तक नजर नहीं पड़ी है। राज्य में ज्यादातर स्कूल ऐसे हैं जहां शौचालय बना दिए गए हैं, पर पानी नहीं है। नेवसा स्कूल की प्रभारी प्रिंसिपल ने बताया कि स्कूल में शौचालय और पीने का पानी नहीं है इसकी जानकारी लगातार 2015 से पत्र के माध्यम से जिम्मेदारों को दे दी है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नही हुई ।

जिससे छात्र छात्राओं सहित विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी खुले में जाना पड़ता है । स्कूल के 250 से अधिक बच्चों को पीने के लिए स्वच्छ पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। शौचालय, खेल मैदान तक को स्कूली बच्चे तरस रहे हैं। जिससे ग्राम के लोगों द्वारा ही कब्जा किया जा रहा हैं।

असामाजिक तत्वों का डेरा

विद्यालय परिसर में बैंडरी नही होने से शाम होते ही असामाजिक तत्वों का डेरा रहता है जिससे कई बार स्कूल के भवन को नुकसान भी किया खिड़की दरवाजे के साथ छत के पीलर को भी तोडे है , भवन की सीढ़ियों में भी गुटको को खा के वही थूकते है जिससे गंदगी बनी रहती है ।

कभी भी हो सकती है दुर्घटना

जिस प्रकार हाई स्कूल एवम हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र एवम छात्राओं को खुले में जाने पर शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है । परिसर में छात्रो के लिए सिर्फ बालक मूत्रालय बना है जबकि छात्राओ के लिए बेहद जर्जर स्थिति के शौचालय है जिसमे कभी भी गिरने के डर से छात्राये खुले में जाने को मजबुर है, जो विद्यालय के दूर जाना पड़ता है , कभी भी कोई अप्रिय घटना भी हो सकती है , बरसात के मौसम में साँप एवम अन्य कीड़े मकोड़ों का भी डर बना रहता है।

नहीं बना शौचालय
स्कूल में शौचालय नहीं होने से खुले में जाने को मजबूर हैं। हम स्वच्छता का पाठ तो पड़ते है लेकिन खुद खुले में जाने को मजबूर है ।

डीईओ को जानकारी दी गई

शौचालय के सम्बंध में स्तानीय एवम जिला शिक्षा अधिकारी को भी सूचित किया गया है, लेकिन अभी तक शौचालय निर्माण नही हुआ।

खुले में शौच जाना अशोभनीय

स्कूल में शौचालय निर्माण नही होने से बहुत समस्य का सामना करना पड़ता है। खुले में जाना अशोभनीय लगता है ।

जल्द होगा निर्माण

शौचालय के सम्बंध में पत्र आया है , सरपंच एवम सचिव को वर्तमान स्थिति से अवगत कराने को बोला गया है । जानकारी आते ही मैं स्वयं देख कर जल्द से जल्द निर्माण कराया जाएगा ।

जानकारी नहीं

मुझे जानकारी नहीं है। अगर ऐसा है तो ये गम्भीर मामला है इसको जल्द ही दिखवाता हूं।

अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

प्रधानमंत्री खुले में शौच बना रहे है और स्थानीय अधिकाारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है जो निंदनीय है ।



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