Top
Begin typing your search above and press return to search.

मर्यादा के उल्लंघन के आरोप में अध्यापिका को निलंबित किया गया: औलख

उत्तराखंड की स्कूल शिक्षा सचिव भूपिंदर कौर औलख ने कहा है कि तबादले को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष रोष व्यक्त करने वाली अध्यापिका उत्तरा बहुगुणा को मर्यादा के उल्लंघन के आरोप

मर्यादा के उल्लंघन के आरोप में अध्यापिका को निलंबित किया गया: औलख
X

देहरादून। उत्तराखंड की स्कूल शिक्षा सचिव भूपिंदर कौर औलख ने कहा है कि तबादले को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के समक्ष रोष व्यक्त करने वाली अध्यापिका उत्तरा बहुगुणा को मर्यादा के उल्लंघन के आरोप में निलंबित किया गया है।

औलख ने आज शिक्षिका को निलंबित किए जाने के संबंध में मीडिया से कहा कि इस मामले की जांच की जायेगी। शिक्षिका की बात सुनेंगे और उसके बाद ही फैसला किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षिका का तबादला जिले के भीतर ही किया जा सकता है जबकि अध्यापिका की मांग है कि उसका तबादला देहरादून किया जाये जो अंतर जिला तबादले के तहत आता है। वर्तमान में राज्य के शिक्षा कानून तबादले की नीति के तहत इसकी अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा कि निलंबित शिक्षिका की तुलना में 58 अध्यापिकाएं काफी अधिक समय से सुदूर पूर्व क्षेत्रों में तैनात हैं। शिक्षिका का नंबर 59 वां हैं। तबादला नंबर आने पर ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस मामले की प्राथमिक जांच की जा रही है और इस जांच के दौरान शिक्षिका को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जायेगा। जांच के लिए नौगांव के उप शिक्षा अधिकारी को नामित किया गया है।

मुख्यमंत्री के देहरादून में आयोजित जनता दरबार में गुरुवार को सुदूर क्षेत्र में तैनात शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा अपने तबादले को लेकर आई थी। शिक्षिका का कहना था कि वह पिछले 25 साल से तैनात है। तबादला नहीं किए जाने को लेकर शिक्षिका ने दरबार में ही रोष जताया था और इसके बाद मुख्यमंत्री ने उसे निलंबित करने के निर्देश दिए थे।

शिक्षिका को निलंबित किए जाने पर नयी दिल्ली में कांग्रेस ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की आलोचना करते हुए कहा कि वह सत्ता के मद में चूर हैं। कांग्रेस प्रवक्ता आर पी एन सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्री के जनता दरबार’ में अपनी फरियाद लेकर आयी महिला के साथ मुख्यमंत्री ने जो व्यवहार किया वह उनके अहंकार काे दर्शाता है।

सिंह ने यहां पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में संवाददाताओं के सवालों पर कहा कि उन्होंने भी मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी समस्या लेकर आयी महिला के साथ हुए दुर्व्यवहार का वीडियो देखा है। उन्हें यह देखकर अफसोस हुआ कि मुख्यमंत्री ने महिला को वहीं पर गिरफ्तार करने का आदेश दिया और उसके बाद एक पुरुष पुलिसकर्मी ने महिला को पकड़ने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा, “ सत्ता के अहंकार में चूर मुख्यमंत्री को फरियादी महिला को इस तरह से गिरफ्तार ही करवाना था तो महिला पुलिसकर्मी को बुला लेते।”

उन्होंने रावत के व्यवहार को अफसोसनाक बताया और कहा कि एक विधवा महिला अध्यापिका अपनी फरियाद लेकर मुख्यमंत्री के दरबार में आयी थी और मुख्यमंत्री उसकी समस्या का निदान करने की बाजय उसे निलम्बित करने और उसकी गिरफ्तारी का हुक्म देते हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि लोग मुख्यमंत्री के दरबार में अपनी समस्या रखने आते हैं लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा शासन में उनकी दिक्कत दूर करने के बजाय उन्हें जेल भेजने का आदेश दिया जाता है। उन्होंने इसे भाजपा का तानाशाही रवैया करार दिया और कहा कि सत्ता के अहंकार में चूर मुख्यमंत्री और भाजपा को जनता इसका करारा जवाब देगी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it