Top
Begin typing your search above and press return to search.

शिक्षक घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई, उसके वकील के बीच कोऑर्डिनेशन की कमी पर नाराजगी जताई

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और उसके वकील के बीच समन्वय (कोऑर्डिनेशन) की कमी पर नाराजगी जताई

शिक्षक घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई, उसके वकील के बीच कोऑर्डिनेशन की कमी पर नाराजगी जताई
X

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और उसके वकील के बीच समन्वय (कोऑर्डिनेशन) की कमी पर नाराजगी जताई। न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची और न्यायमूर्ति अजय कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गंगोपाध्याय की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नाराजगी व्यक्त की, कल्याणमय इस समय घोटाले में कथित संलिप्तता के लिए न्यायिक हिरासत में हैं।

गुरुवार को सीबीआई के वकील गंगोपाध्याय के खिलाफ सटीक आरोपों से संबंधित पीठ के सवालों का संतोषजनक जवाब देने में असमर्थ होने के बाद, न्यायमूर्ति बागची ने मामले में सीबीआई के जांच अधिकारियों और एजेंसी के वकील के बीच कोऑर्डिनेशन की कमी पर नाराजगी व्यक्त की।

उन्होंने सीबीआई के वकील से कहा- कृपया जांच अधिकारी के साथ बैठकर मामले पर चर्चा करें और मामले को विस्तार से समझने की कोशिश करें। कोर्ट इस मामले में आपसे स्पष्ट ऑब्जर्वेशन चाहती है। बेहतर होगा कि आप न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय से संपर्क करें जो मुख्य रूप से इस मामले को देख रहे हैं। वह आपको सब कुछ समझा देंगे। सीबीआई को भी मामले की गंभीरता को समझना चाहिए। इस मामले में इस तरह के जांचकर्ताओं का सामना करने के लिए हमें खेद है।

इसके बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई चार जनवरी तक के लिए टाल दी। इसी खंडपीठ ने बुधवार को इसी शिक्षक भर्ती घोटाले में डब्ल्यूबीएसएससी के पूर्व अध्यक्ष और उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सुबिरेश भट्टाचार्य की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति बागची ने बुधवार को कहा कि इस मामले में भट्टाचार्य की भूमिका और कुछ नहीं बल्कि पूरी तरह से विश्वासघात है। यह पोस्टमास्टर का काम नहीं है। शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार और कुछ नहीं बल्कि समाज के साथ विश्वासघात है। क्या समाज यह उम्मीद नहीं कर सकता कि शिक्षक की भर्ती निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से होगी?


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it