मप्र में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए टास्क फोर्स बनेगी : शिवराज
मध्य प्रदेश में बाढ़ से मची तबाही और आमजन से लेकर अधोसंरचना तक को बड़ा नुकसान हुआ है

भोपाल। मध्य प्रदेश में बाढ़ से मची तबाही और आमजन से लेकर अधोसंरचना तक को बड़ा नुकसान हुआ है। हालात सुधारने के लिए सरकार की ओर से राहत कार्य चलाए जाएंगे, इसके लिए सभी विभागों को मिलाकर टास्क फोर्स बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के जिन जिलों में अति वर्शा और बाढ़ के कारण जान-माल का जो नुकसान हुआ है उसके लिए प्रभावितों को आवश्यक सहायता प्राथमिकता से दी जायेगी। प्रदेश के कुछ जिलों में बाढ़ से काफी क्षति हुई है। राहत के लिए राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जनता के लिए राहत कार्यों के उद्देश्य से विभिन्न विभाग शामिल कर टास्क फोर्स बनेगी। टास्क फोर्स में विभागों के मंत्री, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव शामिल रहेंगे।
चौहान ने आगे कहा, टास्क फोर्स में नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, जल संसाधन, स्वास्थ्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ऊर्जा, राजस्व, कृशि और पशुपालन विभाग शामिल रहेंगे। अधोसंरचना को फिर से खड़ा करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं बनाई जायेंगी। बाढ़ प्रभावित परिवार को 50 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदान किया जायेगा।
मंत्रालय में केबिनेट बैठक के पहले मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि कहा कि बाढ़ प्रभावितों के लिए पैकेज घोशित कर पूरी मदद की जायेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आश्वस्त किया है कि सहायता देने में कोई कमी नहीं रहेगी। जिनके मकान नष्ट हो गये हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना में राशि दी जाएगी। इसके लिए मनरेगा से कन्वर्जेंस भी किया जाएगा। प्रति आवास इकाई के लिए एक लाख 20 हजार रुपए की व्यवस्था होगी। फिलहाल छह हजार रुपए की एकमुश्त राशि देकर ऐसे नागरिकों को अन्यत्र किराये का मकान लेने या क्षतिग्रस्त मकान को रहने लायक बनाने के लिए सहायता दी जाएगी। जिन परिवारों के किसी सदस्य की असमय मृत्यु हुई है, ऐसे प्रकरण में चार लाख रुपए की सहायता परिवार को प्राप्त होगी। खाद्यान्न की व्यवस्था के लिए भी निर्देश दिये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण के दौरान जो देखने मिला ऐसी भयानक आपदा जीवन में नहीं देखी। इस त्रासदी में अनेक मकान नष्ट हो गए। प्रभावित क्षेत्र में मलबे के ढेर दिखाई देते हैं। घरेलू सामान के साथ अनाज और आवश्यकता की अन्य वस्तुओं की क्षति हुई है। मवेशी भी बह गए हैं। अधोसंरचना भी क्षतिग्रस्त हुई है। बिजली के ट्रांसफार्मर और पोल भी गिरे हैं। अनेक स्थान भयानक तबाही के प्रमाण दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह संतोष का विशय है कि समय पर रेस्क्यू किए जाने से अनेक जिंदगियां बचाई जा सकीं। त्रासदी बड़ी है लेकिन हम परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे। मंत्री भी प्रभावित क्षेत्र में डटे हुए हैं। प्रशासकीय टीम भी हर जिले में सक्रिय है। राहत के कामों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। आपदा से नागरिकों को बाहर निकाल कर ले आएंगे, यह हमारा संकल्प है।


