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करुणा के सागर थे दिवंगत जैन मुनि तरुण सागर : विहिप

विश्व हिंदू परिषद ने दिवंगत जैन मुनि को रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह राष्ट्र-धर्म द्रोहियों पर तरुणों की तरह दहाड़ने वाले शान्ति, अहिंसा, प्रेम, करुणा व दया के गहरे सागर

करुणा के सागर थे दिवंगत जैन मुनि तरुण सागर : विहिप
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नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद ने दिवंगत जैन मुनि को रविवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह राष्ट्र-धर्म द्रोहियों पर तरुणों की तरह दहाड़ने वाले शान्ति, अहिंसा, प्रेम, करुणा व दया के गहरे सागर थे। यहां इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडिमय में दिवंगत जैन मुनि के लिए आयोजित भावांजलि सभा में विहिप की तरफ से संगठन की केन्द्रीय प्रबंध समिति के सदस्य व संरक्षक दिनेश चन्द्र ने कहा, "पूज्य श्री के बेबाक धारा-प्रवाह, कटु किन्तु सत्य बोलने की उनकी शैली ने प्रवचनों की दुनिया में एक नवीनता का संचार किया। वह जहां बहुत ही सरल हृदय थे, वहीं, देश, समाज, राष्ट्र व विश्व कल्याण में रोड़ा बनने वालों के विरुद्ध उनके प्रहार सदैव अविस्मरणीय रहेंगे।"

दिनेश चन्द्र ने कहा, "बात चाहे गौ-रक्षा की हो या गंगा रक्षा की, श्री राम जन्म भूमि की हो या राम सेतु विध्वंस की, जिहादी आतंकवाद की हो या जनसंख्या असंतुलन की, चीनी घुसपैठ का मामला हो या पाकिस्तान के अमानवीय चेहरे का, सरकारी नीतियों में न्यूनता का मामला हो या सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों के ह्रास का, पूज्य तरुण सागर जी महाराज ने हमेशा अपने प्रखर व क्रांतिकारी विचारों के जरिए हम सभी का मार्गदर्शन किया।"


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