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केंद्र सरकार हिन्दी थोपने की कोशिश करेगी, तो राज्य इसका जोरदार विरोध करेगा; “भाषा युद्ध” के भी लिए तैयार : उदयनिधि स्टालिन

तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि अगर केंद्र सरकार जबरन हिन्दी थोपने की कोशिश करेगी, तो राज्य इसका जोरदार विरोध करेगा

केंद्र सरकार हिन्दी थोपने की कोशिश करेगी, तो राज्य इसका जोरदार विरोध करेगा; “भाषा युद्ध” के भी लिए तैयार : उदयनिधि स्टालिन
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केंद्र ने हिंदी थोपने की कोशिश की, तो तमिलनाडु भाषा युद्ध के लिए तैयार : उदयनिधि स्टालिन

चेन्नई। तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने मंगलवार को स्पष्ट कहा कि अगर केंद्र सरकार जबरन हिन्दी थोपने की कोशिश करेगी, तो राज्य इसका जोरदार विरोध करेगा। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) “भाषा युद्ध” छेड़ने के भी लिए तैयार है।

चेन्नई में एबीपी नेटवर्क के साउदर्न राइजिंग समिट 2025 में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम ऐसे समय में हो रहा है जब देश में सत्ता का केंद्रीकरण बढ़ रहा है और राज्यों के अधिकार कमजोर किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “अगर हम पर जबरन हिन्दी थोपी गई, तो तमिलनाडु भाषा युद्ध से पीछे नहीं हटेगा।” उन्होंने याद दिलाया कि राज्य शुरू से ही हिंदी थोपने का विरोध करता आया है।

उन्होंने कहा, “हम हमेशा अपनी भाषा, अपने राज्य के अधिकार, लोकतंत्र और अब जनता के मतदान अधिकार की रक्षा हमेशा करते आए हैं।”

उदयनिधि ने तमिल में कहा, "भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आर्थिक रूप से मजबूत राज्यों को राजनीतिक रूप से कमजोर बनाने की कोशिश कर रही है और राजनीतिक रूप से मजबूत राज्यों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि तमिलनाडु को करों के बंटवारे में अन्याय, फंड रोकने, केंद्र द्वारा लगाई गई योजनाओं, नई शिक्षा नीति और अब प्रस्तावित डिलिमिटेशन एक्सरसाइज के कारण नुकसान उठाना पड़ रहा है।

उन्होंने एक उदाहरण से समझाते हुए कंप्यूटर साइंस और द्रविड़ राजनीति के बीच एक समानता बताई।

उन्होंने कहा कि जैसे कंप्यूटर में किसी समस्या को हल करने के लिए एक 'एल्गोरिदम' होता है। कंप्यूटर में, यह मशीन को ठीक-ठीक बताता है कि क्या करना है, वैसे ही तमिलनाडु की राजनीति भी एक साफ-सुधरे और तय तरीके का पालन करती है। इसे हम द्रविड़ एल्गोरिदम कहते हैं।

उन्होंने बताया कि यह तरीका पिछले 100 सालों में सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक गर्व और राजनीतिक सुधारों से बना है और यही तमिल लोगों को बड़े राजनीतिक फैसले लेते समय दिशा देता है। उन्होंने कहा, "ऐसा ही एक फैसला यह है कि तमिल जनता कभी भी केन्द्र सरकार के दबदबे के आगे झुकने को तैयार नहीं होगी।"

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमके हमेशा भाषा, राज्यों के अधिकार, लोकतंत्र और अब जनता के मताधिकार की रक्षा के लिए आवाज उठाती रहेगी।

एबीपी नेटवर्क के फ्लैगशिप साउदर्न राइजिंग समिट का तीसरा एडिशन चेन्नई के आईटीसी ग्रैंड चोला में हो रहा है, जिसकी थीम है “भविष्य के लिए तैयार: इनोवेशन, ट्रांसफॉर्मेशन, इंस्पिरेशन।” ये समिट दक्षिण भारत के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव पर बात करता है।

इस कार्यक्रम में उदयनिधि स्टालिन के अलावा तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी, भाजपा के पूर्व राज्य अध्यक्ष के. अन्नामलाई, पीएमके नेता अंबुमणि रामदास और अभिनेत्री मालविका मोहनन भी शामिल हैं।

समिट में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां और प्रेरक कहानियां भी होंगी। जानी-मानी गायिका कविता कृष्णमूर्ति प्रस्तुति देंगी और कमीडियन श्रद्धा जैन (जिन्हें अय्यो श्रद्धा के नाम से जाना जाता है) स्टेज पर आएंगी।


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