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करूर भगदड़ में अब तक 38 लोगों की मौत, 10 मासूम भी शामिल; जांच आयोग का गठन

तमिलनाडु के करूर में हुई भदगड़ की घटना में अब तक 38 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जी. वेंकटरमन ने बताया कि मरने वालों में 12 पुरुष, 16 महिलाएं, 5 लड़के और 5 बच्चियां, यानी कुल 10 बच्चे शामिल हैं

करूर भगदड़ में अब तक 38 लोगों की मौत, 10 मासूम भी शामिल; जांच आयोग का गठन
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करूर भगदड़ में अब तक 36 की मौत की पुष्टि, 10 बच्चे भी शामिल, जांच के लिए आयोग का गठन

  • तमिलनाडु में भीषण भगदड़, सुरक्षा चूक और भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल
  • करूर हादसे पर डीजीपी ने जताया दुख, 2000 पुलिसकर्मी तैनात, जांच शुरू
  • कार्यक्रम में उमड़ी अप्रत्याशित भीड़, प्रशासन ने जांच के लिए आयोग बनाया
  • करूर भगदड़: बच्चों समेत कई जानें गईं, सरकार ने जांच के आदेश दिए

चेन्नई। तमिलनाडु के करूर में हुई भदगड़ की घटना में अब तक 38 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जी. वेंकटरमन ने बताया कि मरने वालों में 12 पुरुष, 16 महिलाएं, 5 लड़के और 5 बच्चियां, यानी कुल 10 बच्चे शामिल हैं।

डीजीपी जी वेंकटरमन ने करूर घटना के बारे में मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उन्होंने कहा कि घटना के बाद हमने तत्काल कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक डेविडसन के नेतृत्व में 3 पुलिस महानिरीक्षकों, 2 पुलिस उपमहानिरीक्षकों और 10 पुलिस अधीक्षकों समेत 2000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया।

उन्होंने बताया कि तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के पिछले कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए उनके अनुरोध पर कार्यक्रम स्थल आवंटित किया गया था। हालांकि उन्हें लगभग 10 हजार लोगों के आने की उम्मीद थी, लेकिन लगभग 27 हजार लोग इकट्ठा हुए। विजय के अभियान के दौरान सुरक्षा के लिए 500 पुलिसकर्मी तैनात थे।

गौरतलब है कि कार्यक्रम की अनुमति केवल दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक के लिए दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जुटने लगी थी। विजय शाम 7:40 बजे पहुंचे और तब तक भीड़ को पर्याप्त पानी या भोजन नहीं मिला था। भीड़ बढ़ती रही।

डीजीपी ने बताया कि पुलिस प्रशासन की तरफ से पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ में अनुशासन बनाए रखने का निर्देश दिया गया। हालांकि, अप्रत्याशित भीड़ का मतलब यह नहीं है कि अप्रत्याशित भीड़ का मतलब यह नहीं है कि हमें 27 हजार लोगों के लिए सुरक्षा तैनाती की उम्मीद करनी चाहिए थी।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जांच आयोग इस दुखद घटना के कारणों का पता लगाएगा। डीजीपी ने बताया कि घटना की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है। हालांकि, इस बारे में उन्होंने फिलहाल अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया।


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