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पुष्पा 2, आरसीबी और अब करुर भगदड़, भीड़ ने फिर ली जानें, इन हादसों का इशारा भीड़ प्रबंधन, पूर्व सूचना की कमी और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की ओर

तमिलनाडु के करुर जिले में शनिवार को अभिनेता-राजनेता विजय की रैली के दौरान भगदड़ मचने से कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 10 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल हैं, जबकि कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है

पुष्पा 2, आरसीबी और अब करुर भगदड़, भीड़ ने फिर ली जानें, इन हादसों का इशारा भीड़ प्रबंधन, पूर्व सूचना की कमी और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की ओर
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भीड़ ने फिर ली जानें : करुर में 38 लोगों की मौतों ने 'पुष्पा 2' और आरसीबी जश्न की दिला दी याद

नई दिल्ली। तमिलनाडु के करुर जिले में शनिवार को अभिनेता-राजनेता विजय की रैली के दौरान भगदड़ मचने से कम से कम 38 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 10 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल हैं, जबकि कई लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है।

दरअसल, यह हादसा उस समय हुआ जब हजारों समर्थक विजय के संबोधन को सुनने के लिए इकट्ठा थे। कार्यक्रम स्थल पर भीड़ बढ़ती चली गई और इसके कारण कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

ऐसे में इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि देश में पिछले कुछ समय में हुई ऐसी भगदड़ों के बाद भी सबक क्यों नहीं लिया गया? क्योंकि इससे पहले हुए हादसों में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

दिसंबर 2024 में 'पुष्पा 2' की स्क्रीनिंग और जून 2025 में आरसीबी की आईपीएल जीत के जश्न के दौरान भी इसी तरह की घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन इसके बावजूद भीड़ को लेकर सुरक्षा व्यवस्था में कोई सुधार नजर नहीं आया।

दिसंबर 2024 में हैदराबाद के संध्या थिएटर में 'पुष्पा 2: द रूल' की प्रीमियर स्क्रीनिंग के दौरान भगदड़ मच गई थी। अभिनेता अल्लू अर्जुन के अचानक पहुंचने से उमड़ी भीड़ में 39 वर्षीय महिला रेवती की मौत हो गई, जबकि उनके 9 वर्षीय बेटे को गंभीर चोटें आईं।

पुलिस ने अल्लू अर्जुन, उनकी सिक्योरिटी टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (हत्या का संज्ञेय अपराध) और 118(1) (चोट पहुंचाने की सजा) के तहत मामला दर्ज किया।

इसके बाद 13 दिसंबर को अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया गया, लेकिन तेलंगाना हाई कोर्ट ने उसी शाम 4 सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी।

वहीं, जून 2025 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) की पहली आईपीएल जीत के जश्न के दौरान एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 56 घायल हुए थे।

4 जून को विजय परेड आयोजित की गई थी। विधान सौधा से स्टेडियम तक ओपन-टॉप बस परेड के लिए अनुमानित 10,000 लोगों के बजाय लाखों की तादात में भीड़ उमड़ पड़ी और अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिसने कई जिंदगियां छीन ली।

इस मामले में कर्नाटक सरकार ने आरसीबी, इवेंट कंपनी डीएनए नेटवर्क्स और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया था। इसके अलावा, बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी. दयानंदा को निलंबित कर दिया गया था। आरसीबी ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की सहायता दी।

ये तीनों हादसे भीड़ प्रबंधन, पूर्व सूचना की कमी और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की ओर इशारा करते हैं।

फिलहाल तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना को 'गंभीर और चिंताजनक' बताया। उन्होंने तत्काल चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए और मंत्रियों व अधिकारियों से हालात की जानकारी ली है।


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