तमिल नववर्ष 'हेविलांबी' पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया जा रहा है
तमिलनाडु में शुक्रवार को तमिल नववर्ष 'हेविलांबी' पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया जा रहा है

चेन्नई| तमिलनाडु में शुक्रवार को तमिल नववर्ष 'हेविलांबी' पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। लोग नए कपड़े पहनकर ईश्वर का आशीर्वाद लेने मंदिरों में जा रहे हैं। मित्रों और रिश्तेदारों ने एक-दूसरे को 'पुथांदु वजथुक्कल' बोलकर नए साल की शुभकामनाएं दी।
तमिल महीने चितिरई के पहले दिन नए साल का जश्न मनाया जाता है, जो सामान्यतया 13 या 14 अप्रैल को पड़ता है। दक्षिण चेन्नई में मयलापुर के निवासी मुरलीधरन ने आईएएएनएस को बताया, "हम सुबह जल्दी उठने के बाद पास के मंदिर में गए।"
घरों को दरवाजे के बाहर 'कोलम' (रंगोली) बनाकर सजाया गया। साथ ही आम्र पल्लव भी दरवाजों पर टांगे गए हैं।कपालीश्वर, श्री पार्थसारथी जैसे मशहूर मंदिरों में सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी।
तमिल महिलाओं ने घर में वडा, पयसम (मीठा पकवान) और अन्य पकवान बनाए। इस दिन का खास पकवान 'मैंगो पचिदी' है, जिसे नीम के फूलों, आम, हरी मिर्च, नमक और इमली डालकर बनाया जाता है।
श्रीलंका, मलेशिया और अन्य जगहों पर रहने वाले तमिल भी पूरे उत्साह के साथ नए साल का जश्न मना रहे हैं।


