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तमिलनाडु के छात्रों ने दलित के हाथ से बना भोजन खाने से किया इनकार, सांसद के आने के बाद सुलझा मामला

तमिलनाडु के थूथुकुडी के उसिलमपट्टी में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के छात्रों ने एक दलित द्वारा पकाया गया भोजन खाने से इनकार कर दिया

तमिलनाडु के छात्रों ने दलित के हाथ से बना भोजन खाने से किया इनकार, सांसद के आने के बाद सुलझा मामला
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चेन्नई। तमिलनाडु के थूथुकुडी के उसिलमपट्टी में एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय के छात्रों ने एक दलित द्वारा पकाया गया भोजन खाने से इनकार कर दिया। इस मामले में डीएमके नेता कनिमोझी के हस्तक्षेप के बाद बच्‍चों ने खाना खाया।

छात्रों ने राज्य सरकार की योजना के तहत मुफ्त नाश्ता खाने से इनकार कर दिया था क्योंकि खाना एक दलित महिला ने पकाया था। मुनियासेल्वी नाम की दलित महिला एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य हैं।

अधिकारियों को स्कूल में अतिरिक्त भोजन सामग्री मिलने के बाद उन्होंने रसोइये से इस बारे में पूछताछ की। रसोइये ने अधिकारियों को बताया कि 11 में से नौ छात्रों ने नाश्ता नहीं किया।

रसोइये ने अधिकारियों को बताया कि बच्चे खाने के इच्छुक थे, लेकिन माता-पिता ने उन्हें ऐसा करने से मना किया था।

मुनियासेल्वी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्होंने इस मामले में कोई शिकायत नहीं की थी, लेकिन जब निगरानी अधिकारियों ने अतिरिक्त खाद्य सामग्री के बारे में पूछताछ की, तो उन्होंने मामले का खुलासा किया।

जब थूथुकुडी सांसद कनिमोझी को मामले के बारे में पता चला, तो वह मंत्री गीता जीवन और थूथुकुडी जिला कलेक्टर सेंथिल राज के साथ स्कूल पहुंचीं।

सांसद ने बच्‍चों से कहा कि वह भी उनके साथ खाना खायेंगी। इस सभी छात्रों ने सांसद के साथ नाश्ता किया।


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