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तमिलनाडु : पीएमके एमबीसी कोटा के तहत वन्नियारों के लिए 10.5% आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करेगी

तमिलनाडु में शक्तिशाली वन्नियार समुदाय की राजनीतिक शाखा पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) अति पिछड़ों में वन्नियारों के लिए 10.5 प्रतिशत आंतरिक आरक्षण लागू करने की मांग के समर्थन में आंदोलन करेगी

तमिलनाडु : पीएमके एमबीसी कोटा के तहत वन्नियारों के लिए 10.5% आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन करेगी
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चेन्नई। तमिलनाडु में शक्तिशाली वन्नियार समुदाय की राजनीतिक शाखा पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) अति पिछड़ों में वन्नियारों के लिए 10.5 प्रतिशत आंतरिक आरक्षण लागू करने की मांग के समर्थन में आंदोलन करेगी। क्लास (एमबीसी) कोटा, पार्टी के संस्थापक-नेता एस. रामदास ने सोमवार को यह घोषणा की।

यहां एक संवाददाताओं को संबोधित करते हुए रामदास ने कहा कि आंदोलन की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार द्वारा 12 जनवरी, 2023 को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को वन्नियारों के लिए 10.5 प्रतिशत आंतरिक आरक्षण पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने के बाद भी आज तक इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

पीएमके नेता ने यह भी कहा कि उन्होंने और पार्टी अध्यक्ष अंबुमणि रामदास ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन को सात पत्र लिखे थे, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि तमिलनाडु सरकार अब तक आरक्षण लागू कर सकती थी, लेकिन चूंकि उसने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है, इसलिए पार्टी के पास अपनी मांग पर दबाव बनाने के लिए आंदोलन करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है।

उन्होंने द्रमुक सरकार से राज्य में सामाजिक न्याय लागू करने में की गई 'गलतियों' को सुधारने के लिए कदम उठाने का भी आह्वान किया।

रामदास ने कहा कि पीएमके लगातार सामाजिक न्याय पर अभियान चला रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी डेटा के आधार पर आरक्षण प्रदान करने के लिए जाति आधारित जनगणना कराने के महत्व की वकालत करती रही है।

उन्होंने यह भी दावा किया कि द्रमुक सरकार ने जाति-आधारित जनगणना की मांग को वैचारिक रूप से स्वीकार कर लिया था, लेकिन यह कहते हुए केंद्र सरकार पर जिम्मेदारी डालकर जिम्मेदारी से भाग रही थी कि कानूनी तौर पर इस अभ्यास को अंजाम देना बेहतर है।


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