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जयललिता की पहली बरसी पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि 

अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की प्रमुख जे जयललिता  की आज पहली बरसी पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने श्रद्धांजलि दी । 

जयललिता की पहली बरसी पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि 
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तमिलनाडु। अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की प्रमुख जे जयललिता की आज पहली बरसी पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलनीस्वामी और उपमुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने श्रद्धांजलि दी ।



आपको बता दे कि जयललिता का बुखार और शरीर में पानी की कमी के कारण 5 दिसंबर 2016 को निधन हो गया था लेकिन जब उनके निधन की खबरे आई तो लोगों को विश्वास नहीं हुआ कि अब अम्मा उनके बीच नहीं रही है। चेन्नई के अपोलो अस्पताल में जयललिता ने अंतिम सांस ली।



जयललिता 24 फरवरी 1948 को मैसूर के मांडया जिले के मेलुरकोट गांव में पैदा हुई थी। जब वह 2 साल की थी तब उनके पिता का देहांत हो गया था। पिता के देहांत के बाद से ही उनकी जिंदगी में संघर्ष का दौर शुरू हुआ। उनकी मां वेदवल्ली ने संध्या नाम से तमिल फिल्मों में काम करना शुरू किया। लेकिन जयललिता की तमन्ना वकालत करने की थी। राजनीति में आने से पहले उन्होंने बहुत सी फिल्मों में काम किया। फिल्मों में उनका करियर चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर शुरू हुआ और फिर उन्होंने हिंदी और एक अंग्रेजी फिल्म में काम भी किया।

राजनीति में कैसे आई जयललिता

जयललिता 1982 में एआईएडीएमके की सदस्य बनकर राजनीति में आईं। 1983 में उन्हें पार्टी के प्रचार विभाग का सचिव बनाया गया। 1984 में एमजीआर ने उन्हें राज्य सभा का सांसद बनाया। हालांकि कुछ समय बाद ही एमजीआर से उनके मतभेद शुरू हो गए। जब 1987 में एमजीआर का देहांत हुआ तो पार्टी में विरासत की जंग छिड़ गई। पार्टी का एक धड़ा एमजीआर की पत्नी जानकी रामचंद्रन के साथ था तो दूसरा धड़ा जयललिता के साथ। इसके बाद से जयललिता तमिलनाडु की राजनीति के केंद्र में रही। 2016 में दूसरी बार विधानसभा का चुनाव जीतनी वाली वो एमजीआर के बाद दूसरी नेता बनी।


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