तमिलनाडु भाजपा की आर्थिक शाखा के सचिव ने पार्टी से दिया इस्तीफा
तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इकाई की राज्य आर्थिक शाखा के सचिव एम आर कृष्ण प्रभु ने करोड़ों रुपये के आरुधरा घोटाले में पार्टी के कुछ पदाधिकारियों की संलिप्तता को लेकर गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया

चेन्नई। तमिलनाडु में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इकाई की राज्य आर्थिक शाखा के सचिव एम आर कृष्ण प्रभु ने करोड़ों रुपये के आरुधरा घोटाले में पार्टी के कुछ पदाधिकारियों की संलिप्तता को लेकर गुरुवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
भाजपा नेतृत्व ने श्री प्रभु के पार्टी छोड़ने के कुछ घंटों बाद एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें पार्टी के हितों के खिलाफ काम करने के लिए पार्टी के पदों और सदस्यता से हटा दिया गया।
आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के उपरोक्त मामले के संबंध में जांच के लिए दो भाजपा पदाधिकारियों कानूनी शाखा के नेता एलेक्स और रानीपेट जिला पार्टी पदाधिकारी डॉ सुधाकर को तलब करने के एक दिन बाद श्री प्रभु ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।
भाजपा के पूर्व पदाधिकारी हरीश द्वारा दिए गए बयान के आधार पर दोनों नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया गया था।
श्री प्रभु ने दावा किया कि आरूधरा जैसे घोटाले में शामिल लोगों के तार पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं से जुड़े थे इसलिए, वह पार्टी नेतृत्व से खुश नहीं थे और उन्होंने खुद को पार्टी से अलग करने का फैसला किया।
ईओडब्ल्यू ने कहा कि आरुधरा गोल्ड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक के साथ कथित संबंधों के लिए भाजपा के दो पदाधिकारियों को समन जारी किया गया था, इस कंपनी ने एक लाख से अधिक निवेशकों एवं जमाकर्ताओं को 2,400 करोड़ रुपये का चपत लगायी।
पुलिस की विशेष इकाई ने पिछले महीने कांचीपुरम के के. हरीश (31) को गिरफ्तार किया था, जो भाजपा की तमिलनाडु इकाई के खेल और कौशल विकास प्रकोष्ठ का पदाधिकारी था। हरीश शहर के अमिनजिकराई क्षेत्र से कार्यरत आरुधरा गोल्ड ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों में से एक था।
फर्म ने एक महीने के लिए 25 से 30 प्रतिशत तक के भारी ब्याज का वादा करके एक लाख से अधिक निवेशकों से 2,400 करोड़ रुपये की जमा राशि एकत्र की थी और बाद में वादे के अनुसार कंपनी ने निवेशकों का पैसा नहीं लौटाया।
पुलिस ने कहा कि छह फर्जी कंपनियां पाई गयी हैं और घोटाले के संबंध में 16 संदिग्धों लोगों की पहचान की और अब तक 11 संदिग्धों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ईओडब्ल्यू ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि हरीश प्रमुख संदिग्धों में से एक है। उन्हें 24 मार्च को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उनसे पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया था कि कांचीपुरम जिले में फर्म द्वारा जमाकर्ताओं से 84 करोड़ रुपये प्राप्त किए गए थे। इसके अलावा हरीश ने 'वन मैन ग्रुप्स' नाम की एक फर्म के जरिए भी पैसा लगाया था।
पुलिस ने हरीश की कार, मोबाइल फोन, संपत्ति के दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए। पूछताछ के दौरान, हरीश ने कबूल किया कि उसने जमाकर्ताओं को वापस किए जाने वाले पैसे से भाजपा में कुछ लोगों को भुगतान किया था।
ईओडब्ल्यू ने कहा कि हरीश के बयान के बाद एलेक्स और सुधाकर को समन जारी किया गया।


