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'वन नेशन वन राशनकार्ड' से जुड़े तमिलनाडु, अरुणाचल : खाद्य मंत्रालय

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'वन नेशन वन राशनकार्ड' से अब तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश भी जुड़ गए हैं

वन नेशन वन राशनकार्ड से जुड़े तमिलनाडु, अरुणाचल : खाद्य मंत्रालय
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नई दिल्ली। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'वन नेशन वन राशनकार्ड' से अब तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश भी जुड़ गए हैं। इन दोनों राज्यों के जुड़ने के बाद इस योजना के तहत 28 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी शुरू हो गई है। यह जानकारी गुरुवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने दी। मंत्रालय ने बताया कि 'वन नेशन वन राशनकार्ड' योजना की प्रगति की समीक्षा के बाद तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश की अपेक्षित तकनीकी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टेबिलिटी के लिए मौजूदा 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक अक्टूबर 2020 से इन दोनों राज्यों को भी शामिल कर लिया है। तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश राज्यों को शामिल करने से अब कुल 28 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक राष्ट्र एक राशन कार्ड के अंतर्गत जोड़ा जा चुका है।

इन 28 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, लक्षद्वीप, लद्दाख, तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं।

मंत्रालय के अनुसार, इसके साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसएस) के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के करीब 72 करोड़ (कुल लाभार्थियों का 88 फीसदी) लाभार्थी इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय स्तर पर राशनकार्डो की पोर्टेबिलिटी के माध्यम से कहीं भी खाद्यान्न प्राप्त करने में सक्षम हैं।

मंत्रालय ने बताया कि बाकी आठ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भी इस योजना पर तेजी से काम चल रहा है और 31 मार्च, 2021 तक इन्हें राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी में एकीकृत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के अंतर्गत आने वाले सभी 81 करोड़ लाभार्थियों को खाद्य सुरक्षा के अधिकारों की प्राप्ति को सुनिश्चित करने का एक प्रयास है, चाहे वे देश में कहीं भी, किसी भी स्थान पर ही क्यों न हों। इसका उद्देश्य सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से 'सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एकीकृत प्रबंधन (आईएम-पीडीएस)' के माध्यम से चल रही केंद्रीय क्षेत्र योजना के अंतर्गत राशनकार्डो की राष्ट्रव्यापी पोर्टेबिलिटी को लागू करना है।

वे प्रवासी एनएफएसए लाभार्थी जो अस्थायी रोजगार आदि की खोज में प्राय: अपने निवास स्थान बदलते रहते हैं, वे इस प्रणाली के माध्यम से, एफपीएस में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) डिवाइस पर बायोमेट्रिक/आधार प्रमाणीकरण के साथ अपने समान/मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी अपनी पसंद के किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने कोटे का खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं।


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