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'जोर के साथ बोलना पत्रकारिता नहीं है': मुख्यमंत्री रमन सिंह

कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विवि में नवीन टेलीविजन स्टूडियो व रेडियो केंद्र उद्घाटन कर  प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पत्रकार को अध्ययनशील होना चाहिए

जोर के साथ बोलना पत्रकारिता नहीं है: मुख्यमंत्री रमन सिंह
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रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विवि में नवीन टेलीविजन स्टूडियो व रेडियो केंद्र उद्घाटन कर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पत्रकार को अध्ययनशील होना चाहिए। आने वाला दौर पत्रकारिता के लिये चुनौती से भरा होगा।

इसलिये पत्रकरिता के छात्र-छात्राओं को छत्तीसगढ़ का भूगोल, इतिहास, राजनीति की जानकारी होनी चाहिए। उनका कहना था कि पत्रकारिता में जोर से बोलना ही पत्रकारिता नहीं। शालीनता व तर्क के साथ अभिव्यक्ति को रखा जा सकता है। पत्रकारिता में काम व्यक्तित्व को बतलाता है। इसलिये पत्रकारिता विवि में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से यह कहना चाहता हूं कि किसी संस्थान ने राष्ट्रीय स्तर के संस्थान तक पहुंचा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने अपने अंदाज में कहा कि समंदर पार करना है तो तालाब में तैरना सीखना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि साक्षात्कार विद्वता प्रदर्शित करने का साधन नहीं है बल्कि संवाद का एक ऐसा माध्यम है जिसमें सामने बैठे व्यक्ति से उद्देश्य के अनुरूप जानकारी निकाली जा सकती है। लिहाजा जरूरी यह है कि साक्षात्कार लेने और देने वाले में सहज संवाद का क्रम स्थापित होना चाहिए। छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता की नींव रखने वाले पं. माधवराव सप्रे ने वर्ष 1900 में छत्तीसगढ़ के पेण्ड्रा से छत्तीसगढ़ मित्र नामक पत्र का प्रकाशन किया था यह छत्तीसगढ़ के लिये गौरव की बात है।

पत्रकारिता विवि के स्थापना में अहम योगदान करने वाले देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी मूल तौर पर पत्रकार रहे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 40 वर्ष में पत्रकारिता के आधार स्तंभ में इस प्रदेश के तीन पत्रकारों का नाम का उल्लेख करना जरूरी है जिसमें रमेश नैयर, बबन प्रसाद मिश्र और गोविंदलाल वोरा के नाम सामने आते है। पत्रकारिता के छात्र-छात्राओं से कहा कि यह विवि उनके कामों से पहचाना जाना जाए ऐसा कार्य कर दिखाना होगा। उन्होंने बताया कि जिस तरह एक चिकित्सक शरीर के अंगों के परीक्षण किये बिना कुशल चिकित्सक नहीं बन सकता उसी तरह पत्रकार प्रायोगिक अनुभव के बिना पत्रकार बन नहीं सकता। यह स्टूडियो यहां के छात्रों को प्रायोगिक अनुभव देने में सफल हो पाएगा ऐसा विश्वास है।

इससे पहले कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे ने कहा कि दो नवीन सुविधाओं से लोकार्पण के बाद विवि का नाम पूर्ण हो पाया है। देश और समाज में बदलते परिवेश के साथ पत्रकारिता और संचार के जुड़े लोगों के कंधों पर भार बढ़ता जा रहा। सूचना प्रौद्योगिकी में होल्डिंग केपेसिटी होनी चाहिए। इसके लिये सूचना की सत्यता को जानना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि विवि के छात्र-छात्राऐं विभिन्न विधाओं में पारंगत होने के बाद समाज की बदलती हुई परिस्थितियों में खरा उतर सकेंगे। विवि के कुलपति मानसिंह परमार ने बताया कि विवि में अच्छी शुरूआत हुई है। क्लास रूम के बाद अब छात्र-छात्रओं को प्रायोगिक अनुभव मिल पाएगा। वे विवि में आने वाली योजनाओं के बारे में कहा कि इस विवि में जल्द ही एक दैनिक अखबार प्रकाशन की योजना है साथ में एक प्रेस कान्फ्रेंस रूम तैयार किया जाएगा ताकि पत्रकारिता के छात्र-छात्राएं व्यवहारिक ज्ञान को सीख सके।

उनका कतहना था कि विवि के छात्र-छात्राओं को बेहतर अवसर और शिक्षा दिलाने के लिये दिल्ली के आईआईएमसी से एक करार विवि ने किया है ताकि छात्र-छात्राएं अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके। आयोजन में विवि के कुलसचिव अतुल तिवारी जशपुर विवि के कुलपति रोहणी प्रसाद एवं अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।



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