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किम-मून के बीच बनी कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण पर बात 

उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच शुक्रवार को ऐतिहासिक द्विपक्षीय सम्मेलन के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति बनी

किम-मून के बीच बनी कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण पर बात 
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सियोल। उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच शुक्रवार को ऐतिहासिक द्विपक्षीय सम्मेलन के बाद कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति बनी। समाचार एजेंसी योनहाप के मुताबिक, यह सहमति उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन के बीच सीमावर्ती गांव पनमुनजोम में हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र का हिस्सा था।

इस घोषणापत्र पर दोनों नेताओं ने हस्ताक्षर किए। इस घोषणापत्र के मुताबिक, "दक्षिण और उत्तर कोरिया ने पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के जरिए परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप के लक्ष्य को हासिल करने के लिए साझा उद्देश्य की प्रतिबद्धता जताई।"

घोषणापत्र के मुताबिक, दोनों के बीच सहमति बनी कि उत्तर कोरिया द्वारा हाल में उठा गए कदम परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयासों के लिए बहुत सार्थक और महत्वपूर्ण थे।

दोनों कोरियाई देशों के बीच कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु निरस्त्रीकरण बनाने के लिए सहमति बनी थी और इस संदर्भ में 2000 और 2007 में दो सम्मेलन हो चुके हैं।

दोनों नेताओं के बीच वार्ता किम जोंग के एमडीएल पार करने के लगभग 45 मिनट बाद सुबह 10.15 बजे शुरू हुई। वह 1950-1953 का कोरियाई युद्ध समाप्त होने के बाद ऐसा करने वाले उत्तर कोरिया के पहले नेता बन गए हैं।

किम जोंग ने बैठक की शुरुआत में कहा, "मैं यह राष्ट्रपति मून और यहां मौजूद कई पत्रकारों के सामने कहता हूं कि मैं राष्ट्रपति मून के साथ ईमानदारी भरे दृष्टिकोण के साथ सार्थक बातचीत करूंगा, जिसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे।"

मून जे इन ने इस सम्मेलन में शामिल होने के लिए सहमत होने पर किम जोंग का आभार जताया।

मून ने कहा, "जिस समय किम जोंग ने सैन्य सीमा रेखा पार की, पनमुनजोम शांति का प्रतीक बन गया। मैं एक बार फ्रि किम जोंग उन के आज की इस संभावित चर्चा के फैसले के लिए उनके प्रति सम्मान जताता हूं।"

कोरियाई देशों के बीच तनाव भरे संबंधों के बीच यह सम्मेलन हो रहा है।

गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने मई 2017 में मून जे इन के दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति बनने के बाद से लगभग दर्जनभर मिसाइलों का परीक्षण किया है, जबकि सितंबर 2017 में अपना छठा और सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण भी किया।

दोनों देशों के नेताओं के बीच शुक्रवार को हो रहा यह सम्मेलन तीसरा अंतर-कोरियाई सम्मेलन है जबकि यह पहला सम्मेलन है, जो दक्षिण कोरिया में हो रहा है।

मून जे इन, किम जोंग और उनकी पत्नी री सोल जू के लिए रात्रिभोज की भी मेजबानी करेंगे।


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