तालिबान के साथ काम करेगा अमेरिका
अमेरिकी सेना ने डेडलाइन खत्म होने के पहले ही अफगानिस्तान से वापसी कर ली है.. काबुल से अमेरिका के आखिरी विमान के उड़ान भरने के बाद तालिबान जश्न मना रहा है और कहा ये जा रहा है अमेरिका ने तालिबान के सामने घुटने टेक दिए है.. तभी तालिबान के लिए अमेरिका के व्यवहार में बदलाव आ गया है ..

अमेरिका ने 20 साल के अपने सैन्य अभियान को आखिरकार खत्म कर दिया पेंटागन ने इस बात की जानकारी दी है कि पूरी तरह से अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं...लेकिन सेना वापसी के साथ ही कहा जा रहा है कि अमेरिका ने तालिबान के सामने अपने घुटने टेक दिये हैं और तालिबान के साथ काम करने को तैयार हो गया है ...आपको बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि अमेरिका पिछले कुछ हफ्तों के दौरान रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए तालिबान के साथ जुड़ा हुआ है.. तालिबान अंतरराष्ट्रीय वैधता और समर्थन चाहता है.. तालिबान प्रतिबद्धताओं और दायित्वों को पूरा करके ऐसा कर सकता है...उनके इस बयान से संभावना जताई जा रही है कि अमेरिका अपना मन बदल रहा है तालिबान को वैधता दे सकता है ... ब्लिंकन ने आगे कहा है कि हम उस नई अफगान सरकार के साथ काम कर सकते हैं जो उन हितों को सुरक्षित करने में मदद करता है जिसमें मार्क फ़्रीरिच की सुरक्षित वापसी शामिल है... मार्क फ़्रीरिच एक अमेरिकी नागरिक है, जो पिछले साल की शुरुआत से इस क्षेत्र में बंधक बना हुआ है..अफगानिस्तान से अपना अभियान खत्म करने के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन किया जिसमें उन्होंने ये सभी बातें कही ..उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि तालिबान को यात्रा की स्वतंत्रता देना होगी... साथ ही महिलाओं और अल्पसंख्यकों सहित अफगान लोगों के मूल अधिकारों का सम्मान करना होगा ..ब्लिंकन ने कहा कि तालिबान पर पूरी तरह से विश्वास नहीं कर सकते, तालिबान को अपनी प्रतिबद्धताओं पर खरा उतरना होगा ..ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता देना जारी रखेगा... पिछले दो हफ्तों में योजना बनाने और समन्वय करने के लिए सहयोगियों और भागीदारों से चर्चा भी गई है, उन्होंने नाटो और G7 के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की है..इशारों इशारों में ब्लिंकन ने कह दिया है कि अगर तालिबान दायित्वों को पूरा करता है और हितों को सुरक्षित रखता है तो अमेरिका तालिबान के साथ काम कर सकता है ..


