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पहले होना चाहिए था तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण : अंबादास दानवे

26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण होने पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हाे गई है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने बुधवार को कहा कि यह और पहले हो जाना चाहिए था

पहले होना चाहिए था तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण : अंबादास दानवे
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मुंबई। 26/11 के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण होने पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हाे गई है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता अंबादास दानवे ने बुधवार को कहा कि यह और पहले हो जाना चाहिए था।

अंबादास दानवे ने कहा, "तहव्वुर राणा का प्रत्यर्पण बहुत पहले ही होना चाह‍िए था। इसमें देरी हुई है। लेकिन ठीक है, जो अब जो हो रहा है, वो भी कम नहीं है। पाकिस्तान ने जिस तरीके से अजमल कसाब को भेज कर 26/11 का हमला कराया था, उसे पूरी दुनिया ने इसे देखा है। मुझे लगता है कि यह कार्रवाई और पहले होनी चाहिए थी। लेकिन देर आए, दुरुस्त आए। कम से कम अभी कार्रवाई तो हो रही है। हम इस फैसले का स्वागत करेंगे।"

महाराष्ट्र में जिलों के नाम बदलने और मुगल शासक औरंगजेब की एक भी निशानी नहीं रहनी चाहिए, महायुति सरकार के इस बयान पर दानवे ने कहा, दौलताबाद का नाम देवगिरी है ही। ऐसा नहीं है कि वे कुछ नया कर रहे हैं। पिछले कई सालों से इसी नाम से शहर को पहचाना जाता है। भले ही कागज पर दौलताबाद लिखा जाता होगा, लेकिन अगर इतिहास देखे तो इसे देवगिरी किला कहते हैं।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वक्फ (संशोधन) बिल को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं करने वाले बयान पर दानवे ने कहा, जिस प्रकार भाजपा ने वक्फ के माध्यम से दो समाजों में जो दूरिया बढ़ाई हैं। उसके लिए अगर पश्चिम बंगाल सरकार ऐसा निर्णय लेती है तो अच्छी बात है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राज्य के मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार उनकी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।

ममता ने अपने संबोधन में कहा, "हम बंगाल में वक्फ बिल लागू नहीं होने देंगे। मेरी सरकार धार्मिक आधार पर बंगाल का विभाजन नहीं होने देगी। मैं जानती हूं कि वक्फ अधिनियम के लागू होने से आप दुखी हैं, मगर भरोसा रखें, बंगाल में ऐसा कुछ नहीं होगा। बंगाल में फूट डालो और राज करो की नीति नहीं चलेगी। आपको जियो और जीने दो का संदेश देना चाहिए। बंगाल में रहने वालों को सुरक्षा देना हमारा काम है। मैं आप सभी से अपील करता हूं कि अगर कोई आपको राजनीतिक रूप से इकट्ठा होने के लिए उकसाता है, तो कृपया ऐसा न करें। कृपया याद रखें कि दीदी आपकी और आपकी संपत्ति की रक्षा करेंगी। अगर हम साथ रहेंगे, तो हम दुनिया जीत सकते हैं।"


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