Top
Begin typing your search above and press return to search.

तबलीगी कांड : मौलाना साद का बेटा आया सामने, मौलाना ने भेजा नोटिस का जबाब

कई दिन से कथित रूप से नदारद माने जा रहे निजामुद्दीन स्थित मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय प्रमुख मौलाना मो. साद कांधलवी ने माना कि उन्हें दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है

तबलीगी कांड : मौलाना साद का बेटा आया सामने, मौलाना ने भेजा नोटिस का जबाब
X

नई दिल्ली। कई दिन से कथित रूप से नदारद माने जा रहे निजामुद्दीन स्थित मरकज तबलीगी जमात मुख्यालय प्रमुख मौलाना मो. साद कांधलवी ने शुक्रवार को माना कि उन्हें दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है। नोटिस के साथ कई सवालात की लिस्ट भी है। उन्होंने अपने बेटे और जमात कमेटी मेंबर मो. यूसुफ साद के जरिये स्वीकार किया कि अपराध शाखा ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है।

मौलाना साद ने ये तमाम बातें आईएएनएस को अपने बेटे मो. यूसुफ साद के जरिये शुक्रवार को एक लिखित पत्र के जरिये बताईं। मौलाना साद के बेटे यूसुफ जमात कमेटी के सदस्य भी हैं। यह बयान मौलान साद के द्वारा ही ड्राफ्ट करवाया गया बताया जा रहा है।

मौलाना यूसुफ के मुताबिक, "मीडिया में जमात मुख्यालय को लेकर जो भी खबरें 31 मार्च 2020 से आ रही हैं, वे सब महज बदनाम किए जाने की साजिश है। तबलीगी जमात किसी भी राजनीतिक संगठन का भी हिस्सा नहीं है। जहां तक बात मौलाना साद के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किए जाने की है, तो नई दिल्ली क्राइम ब्रांच ने मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ केस दर्ज किया है।"

मौलाना साद की तरफ से मो. यूसुफ साद द्वारा लिखित में दिए गए और आईएएनएस के पास मौजूद बयान के मुताबिक, "जहां तक तबलीगी जमात मुख्यालय में पहुंचे मेहमानों में से कुछ के कोरोना संक्रमित मिलने की बात है, तो यह एक इत्तिफाक है। जैसे ही हमें कोरोना के बारे में बताया गया, हमने सभी मेहमानों के प्रवेश पर जमात मुख्यालय में पाबंदी लगा दी थी। हर मेहमान का हमारे पास रिकार्ड है। जमात मुख्यालय ने अपनी ओर से सभी मेहमानों को तुरंत उनके घर पहुंचाने के हर संभव उपाय किए थे।"

यूसुफ साद ने इसी पत्र में आगे बताया है कि प्रधानमंत्री द्वारा 22 मार्च की आधी रात जनता कर्फ्यू की जैसे ही घोषणा की गई, वैसे ही सरकारी मशीनरी द्वारा जमात मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम बंद करा दिया गया था, जो उसके बाद से अब तक बंद है। बीते कुछ दिनों से सभी भाग लेने वाले, चाहे वे भारतीय हों या फिर विदेशी, जो मरकज निजामुद्दीन में लॉकडाउन के चलते फंस गए थे, उन सभी को बाहर निकाला गया। साथ ही उन सबको कोरंटाइन करके अलग-अलग जगहों पर भेजा जा चुका है। इनमें से तमाम को अस्पतालों में भी दाखिल कराया जा चुका है।

मो. यूसुफ साद के बयान के मुताबिक, "नई दिल्ली क्राइम ब्रांच में एफआईआर नंबर 63/2020 लिखी गयी है. इसी एफआईआर के बदले मौलाना मोहम्मद साद को सीआरपीसी की धारा-91 के तहत क्राइम ब्रांच से एक नोटिस मिला है. इस नोटिस में क्राइम ब्रांच ने तमाम सबूत मय दस्तावेज मांगे हैं।"

सूत्रों के मुताबिक, अपराध शाखा को शुक्रवार दिन के वक्त जमात मुख्यालय द्वारा भिजवाए गए जवाब में कहा गया है, "चूंकि अभी पुलिस ने जमात मुख्यालय को सील कर रखा है, साथ ही मौलाना मोहम्मद साद के जो कारिंदे हैं, उनमें से अधिकांश फिलहाल कोरंटाइन होम्स में हैं। लिहाजा, ऐसे में मय सबूत दस्तावेज मुहैया करा पाना असंभव है। जैसे ही जमात हेडक्वार्टर खुलेगा और कोरंटाइन हुए जमात मुख्यालय के इंतजामी इकट्ठे होंगे, सबूत क्राइम ब्रांच को मुहैया करा दिए जाएंगे।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it