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तब्लीगी जमात ने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया : सलमान खुर्शीद

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने सोमवार को तब्लीगी जमात का बचाव किया, जिसे कोविड-19 फैलाने का वाहक माना गया है

तब्लीगी जमात ने किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया : सलमान खुर्शीद
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नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने सोमवार को तब्लीगी जमात का बचाव किया, जिसे कोविड-19 फैलाने का वाहक माना गया है। उन्होंेने दावा किया कि इस्लामिक धार्मिक समूह ने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है। आईएएनएस ने उनसे इसके अलावा प्रवासी मुद्दे, लॉकडाउन में ढील देने और अन्य समस्याओं पर खास बातचीत की।

प्रश्न : क्या कई राजनीतिक पार्टियां तब्लीगी जमात पर सांप्रदायिक कार्ड खेल रही हैं?

उत्तर : अगर उन्होंने ऐसा किया है, तो उसे दरकिनार कीजिए। यह स्पष्ट है कि कुछ गड़बड़ है। केवल यह कुछ जगहों पर गलत नहीं हो रहा है, बल्कि संवेदनशील व्यवहार में कुछ खराबी है।

मुझे नहीं लगता कि उन्होंने (तब्लीगी जमात) किसी कानून का उल्लंघन किया है, लेकिन वे निश्चित ही संकट के इस समय में अलर्ट नहीं थे। इसलिए ऐसा हुआ कि जो जमात के लिए आए थे, उनका युद्धस्तर पर टेस्टिंग किया गया। यह अच्छी चीज है। उदारहरण के लिए अगर धारावी में भी इसी तरह की टेस्टिंग की गई तो आपको वहां भी इतनी ही संख्या मिलेगी।"

प्रश्न : भयानक बेरोजगारी और प्रवासियों के मुद्दे पर आप केंद्र और राज्य सरकारों को क्या संदेश देना चाहेंगे?

उत्तर : कुछ चीजें ऐसी होती हैं, जिसके लिए रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं होती। हम अभी भी इस दिशा में काम कर रहे हैं कि प्रवासी मजदूर कैसे अपने घरों को पहुंचे। लॉकडाउन 17 मई को खुल जाएगा और जब 18 मई को हम अपनी अर्थव्यवस्था खोलेंगे तो कौन काम करेगा।

सरकार विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत जो कर सकती है, वह कर रही है। लेकिन सूचना का अभाव रहा। अगर मैं जानना चाहूं कि किसे पेंशन मिला, मैं नहीं जान सकता। क्योंकि सूचना कहीं उपलब्ध नहीं है।

प्रश्न : केंद्र और राज्य सरकार कोराना संकट का प्रबंधन करने में कितने सफल रहे?

उत्तर : इस समय में हम सभी को एकसाथ होना चाहिए। हमें आलोचना और सलाह में काफी सावधानी बरतनी चाहिए। विफलता पर आलोचनात्मक रवैया अपनाना, संभवत: इस समय सही नहीं है।

हालांकि ब्रिटेन और अमेरिका जैसे लोकतंत्र में, जहां लोग प्रबंधन में विफलता देखते हैं, वे कटु आलोचना करते हैं।

कुछ न कुछ कमी होती है। इन चीजों को जारी नहीं रहना चाहिए। जबतक हम स्वीकारते नहीं हैं, हम इससे उबर नहीं सकते। हम इस मुश्किल घड़ी में सरकार का समर्थन करते हैं, लेकिन यह दोनों तरफ से होना चाहिए।


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