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प्रकृति के प्रति नजरिए में प्रणालीगत बदलाव समय की मांग: ऋचा चड्ढा

अभिनेत्री ऋचा चड्ढा का मानना है कि नेकी के लिए किए गए काम की उम्र लंबी होती है।

प्रकृति के प्रति नजरिए में प्रणालीगत बदलाव समय की मांग: ऋचा चड्ढा
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मुंबई । अभिनेत्री ऋचा चड्ढा का मानना है कि नेकी के लिए किए गए काम की उम्र लंबी होती है। उनका मानना है कि लोगों के प्रकृति के प्रति नजरिए में प्रणालीगत बदलाव आए, यही समय की मांग है। पिछले महीने अभिनेत्री और उनके मंगेतर अली ने फ्रंटलाइन कार्यकतार्ओं को विभिन्न प्रकार के पीपीई मास्क भेजे थे। वहीं अब पर्यावरणविद्, डॉ. आर.के. नायर, ने शुक्रिया अदा करने के लिए ऋचा और अली के नाम पर पुलवामा शहीद वन, अम्बरगांव गुजरात में 650 पौधे रोपे हैं।

ऋचा ने कहा, "यह कहना कि हमें महामारी के कारण पर्यावरण की रक्षा के लिए कदम बढ़ाने की जरूरत है, यह अनुचित होगा। डॉ. नायर के पहल ने हमारा दिल छू लिया, क्योंकि उन्होंने हमें आशा दी कि हम में से हर कोई बड़ा परिवर्तन लाने में सक्षम हैं। समय की मांग है कि हम प्रकृति को किस नजरिए से देखते हैं, उसमें प्रणालीगत बदलाव लाए।"

अभिनेत्री ने आगे कहा, "पहले से ही एक सहजीवी संतुलन बना हुआ है, जिसका सम्मान किया जाना चाहिए। हम में से हर किसी के अंदर हीरो बनने की क्षमता है और डॉ. नायर की तरह कई लोगों की पहल हमें बेहतर बनना चाहते हैं और हमारे लिए हमारे आसपास की दुनिया को और बेहतर बनाना चाहते हैं।"

वहीं अली ने कहा, "मुझे पता है कि इन पौधों की संख्या बहुत अधिक नहीं है, लेकिन मेरे लिए यह व्यक्तिगत रूप से एक बड़ा कदम है, क्योंकि इस लॉकडाउन के दौरान मुझे यह अहसास हुआ कि मेरे अंदर लोगों तक पहुंचने की क्षमता है।"


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