बजार में बिकती हैं 5 माह पहले बनी मिठाइयां
शहर की मिठाई दुकानों मं दीपावली त्यौहार के लिए जो मिठाई तैयार होती है उन मिठाईयों को दुकान संचालक चार से पांच माह पहले से तैयार करते हैं

बिलासपुर। शहर की मिठाई दुकानों मं दीपावली त्यौहार के लिए जो मिठाई तैयार होती है उन मिठाईयों को दुकान संचालक चार से पांच माह पहले से तैयार करते हैं। मिठाईयों को फ्रीजर में रखा जाता है। त्यौहारों में ताजा मिठाई नहीं मिलती है। महीनों पुराने मिठाई को त्यौहार में आम जनता को बेचा जाता है। खाद्य औषधि विभाग त्यौहार के समय में मिठाई का सैम्पल लेने की कार्रवाई करता है। जबकि खाद्य औषधि विभाग को शहर के हर क्षेत्रों में छापामार कार्रवाई महीने भर पहले ही करनी चाहिए।
दीपावली त्यौहार में करोड़ों की मिठाई का करोबार होता है। सैकड़ों टन मिठाईयों की खपत त्यौहार के समय में होती है परंतु जिला प्रशासन मिठाई दुकानों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दीपावली, राखी और बड़े त्यौहारों में शहर के बड़े से छोटे मिठाई की दुकानों में ताजा मिठाई त्यौहारों के दिनों में नहीं मिलेगी क्योंकि दुकान संचालक मिठाई बनाने की तैयारी चार से पांच माह पहले से करना शुरू हो जाती है। मिठाई को बनाकर फ्रीजर में स्टोर की जाती है। जबकि दुकान संचालक खोवा और मिठाई बनाने की सामग्री पांच माह पहले से खरीदी कर लेते हैं। त्यौहारों के समय में सैकड़ों टन मिठाई का खपत होता है।
बड़े होटलों में कई टन मिठाई तीन से चार माह पहले से बनकर रखा जाता है परंतु आम जनता को तीन चाह माह पुरानी मिठाई से नुकसान भी होता है। मगर खाद्य औषधि विभाग शहर के होटलों की जांच महीनों भर पहले नहीं की जाती है। जबकि खाद्य औषधि विभाग के नियम के अनुसार मिठाई का उपयोग बनाने के दस दिन के बाद में दुकान संचालक को बेच नहीं सकते हैं।
उन मिठाईयों को आम जनता को बेचने पर दुकान संचालक के ऊपर कार्रवाई का प्रावधान है मगर दुकान संचालक केमिकल की बदौलत महीनों पर तक मिठाई को रख सकते हैं। वह मिठाई कई महीने तक खराब नहीं होती है। मिठाई को ठंडे में रखा जाता है। मगर इन मिठाईयों से आम जनता की सेहत को नुकसान पहुंचता है परंतु खाद्य औषधि विभाग को होने के बाद भी कार्रवाई नहीं की जाती।
खाद्य औषधि विभाग केवल त्यौहार के समय में कार्रवाई कर खानापूर्ति करता है, क्योंकि दुकान संचालक और खाद्य औषधि विभाग की मिलीभगत के कारण महीने भर पुरानी मिठाईयों पर कार्रवाई नहीं होती है। हर त्यौहारों में करोड़ों का करोबार होता है मगर आम जनता को ताजा मिठाई के जगह महीने भर पुरानी मिठाई को बेची जाती है।
जबकि शहर या जिले में सैकड़ों मिठाई दुकान संचालित हो रहे हैं। मगर खाद्य औषधि विभाग का नजर केवल कुछ मिठाई के दुकानों पर पड़ता है। खाद्य औषधि विभाग की टीम केवल ताजी मिठाई के सैम्पल लेती है मगर पुरानी मिठाईयों के सैंपल नहीं लेती है। शहर में सैकड़ों टन मिठाई का खपत दीपावली के त्यौहार में होती है लेकिन जिला प्रशासन मिठाई के व्यापारियों पर लगाम नहीं लगा पा रहा है। मिठाई बनाने की सामग्री भी घटिया स्तर की होती है, जो शरीर को तेजी से नुकसान पहुंचाती है।


