शक्कर कारखाना खुलने से किसानों के जीवन में आई मिठास
इलाके में सहकारी शक्कर कारखाना खुलने से गन्ना उत्पादक किसानों की जिंदगी बदल गई है...

रायपुर। इलाके में सहकारी शक्कर कारखाना खुलने से गन्ना उत्पादक किसानों की जिंदगी बदल गई है। शक्कर कारखाने की वजह से किसानों को गन्ना का अच्छा दाम मिल रहा है। समर्थन मूल्य पर गन्ना बिक्री के साथ ही किसानों को साल में दो बार बोनस भी मिलता है। इससे गन्ना किसानों को अच्छी आमदनी हो रही है। यह कहना है हमर छत्तीसगढ़ योजना में अध्ययन भ्रमण पर रायपुर आए सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड के ग्राम रिमटी के वनोपज सहकारी समिति के अध्यक्ष शिवशंकर कोया का। वे अपने समिति के सदस्यों के साथ दो दिनों के अध्ययन भ्रमण पर राजधानी रायपुर पहुंचे थे।
रिमटी वनोपज सहकारी समिति के अध्यक्ष शिवशंकर कोया कहते हैं कि हमारे क्षेत्र में लगभग 80 फीसदी ग्रामीण केवल कृषि पर ही निर्भर हैं। उपज का उचित मूल्य नहीं मिलने से किसान आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हो पाते थे। खासकर गन्ना उत्पादक किसानों को ज्यादा परेशानी थी। बाजार तक गन्ना परिवहन कर पहुंचाना और वहां सही दाम नहीं मिलने से नुकसान होता था। वे कहते हैं कि वर्ष 2013 में सूरजपुर जिले के केरता में मां महामाया सहकारी शक्कर कारखाना खुलने से किसानों को अपनी मेहनत का उचित मूल्य मिल पाया। यहां शासन द्वारा तय दर पर किसानों से गन्ना खरीदा जा रहा है।
श्री कोया बताते हैं कि केरता में शक्कर कारखाना शुरू होने के बाद सूरजपुर जिले के करीब 50 गांवों के किसानों की जिंदगी बदल गई है। पैदावार का सही दाम मिलने के साथ ही साल में दो बार बोनस भी दिया जाता है। गन्ने की खेती में हो रहे फायदे को देखते हुए इलाके के छोटे किसानों ने भी गन्ना लगाना शुरू कर दिया है। अब वे बारिश में धान और गर्मियों में गन्ने की खेती कर रहे हैं। श्री कोया बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 2014 में पहली बार अपने सवा एकड़ खेत में गन्ना लगाया था।
इससे इतना लाभ हुआ जितना उन्हें तीन एकड़ में धान की खेती से होता था। अभी वे तीन एकड़ में गन्ने की फसल ले रहे हैं। शक्कर कारखाना द्वारा खेत से गन्ना उठाने के लिए ट्रक भी उपलब्ध कराया जाता है। इससे किसानों को कारखाने तक गन्ना लाने में कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ती।


