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स्वतंत्र देव ने अखिलेश पर कसा तंज, बोले- लगातार पराजय से हो गए हैं हताश

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने गुरुवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कहा कि लगातार पराजय से वे हताश और निराशा में हैं

स्वतंत्र देव ने अखिलेश पर कसा तंज, बोले- लगातार पराजय से हो गए हैं हताश
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लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने गुरुवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कहा कि लगातार पराजय से वे हताश और निराशा में हैं।

स्वतंत्रदेव सिंह ने गुरुवार को अपने बयान में कहा कि संतों का अपमान करने वाले अखिलेश यादव हिन्दू और सनातन संस्कृति के विरोधी हैं। हिन्दू मान्यता, हिन्दू संस्कृति के प्रतीकों और पूज्य संतों का अपमान करने वाले सपा मुखिया को संतो और सनातन मतावलंबियों से माफी मांगनी चाहिए। कहा कि लगातार पराजय से वे हताश और निराशा में हैं। उन्हें फिर एक बार अपनी हार का अंदेशा हो गया है जिस कारण उनके बोल बिगड़े हुए हैं।

स्वतंत्रदेव सिंह ने कहा कि सपा मुखिया की हिन्दू संस्कृति, संत परंपरा और जीवनचर्या से घृणा जगजाहिर है। एक ओर हमारे प्रधानमंत्री मोदी हैं जो अपनी संस्कृति और भारत की पहचान को वैश्विक मंच पर ले जा रहे हैं। श्रीलंका से राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार शिला भेजती है, राम मंदिर निर्माण के लिए दुनिया भर से लोग मिट्टी और सभी पवित्र नदियों का जल भेज रहे हैं। विदेशी राष्ट्राध्यक्ष और राजनयिक भारत आकर मां गंगा की आरती करते हैं। वे अयोध्या, काशी और मथुरा में जाकर अपनी श्रद्धा का अर्पण करते हैं और संतोष प्राप्त करते हैं। वहीं दूसरी तरफ सपा मुखिया भारत की पहचान से जुड़े प्रतीकों, भारत माता, पूज्य संतगणों और हिन्दू धार्मिक प्रतीकों के प्रति अपना घृणाभाव दिखाते हैं। ऐसा करके वे भारत और भारतीयता दोनों के विरोधी बनते जा रहे हैं।

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सपा मुखिया केवल चुनाव के वक्त ही वे धार्मिक प्रयोजनों का स्वांग रचते हैं। अन्य दिन में उनका टोपी लगाकर घूमना फिरना उत्तर प्रदेश की जनता ने देखा है। वे अपने अनर्गल प्रलाप से एक पंथ और समुदाय के लोगों को तो खुश कर सकते हैं लेकिन संत परंपरा और सनातन संस्कृति को मानने वाले करोड़ों लोगों की आस्था को वे चोटिल करते हैं। उनका यह खिलवाड़ उनकी वोट बैंक वाली राजनीति पर भारी पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि उन्हें उत्तर प्रदेश का विकास सुहा नहीं रहा है, क्योंकि वे खुदके व केवल कुनबे के विकास के ही वाहक रहे हैं। उन्हें गरीब को मिली पक्की छत, उज्‍जवला योजना का सिलेंडर और उसके घर पर बल्ब की रोशनी अच्छी नहीं लग रही है। उन्हें गरीब को भरपेट राशन दिया जाना पसंद नहीं आ रहा है, वे गरीब को खुश देखकर दुखी हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि उसके हिस्से पर ही तो डाका डालकर खुद उनके कुनबे में संपन्नता आई है।

भाजपा के प्रदेश के मुखिया ने कहा कि उनका दुख समझ में आता है, क्योंकि आज अखिलेश यादव की जातिवादी, तुष्टिकरण की राजनीति को जनता समझ गई है।


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