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सुषमा स्वराज की प्रयाग कुंभ देखने की हसरत रह गयी अधूरी

विदेशी मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज की प्रयागराज में आयोजित कुम्भ देखने की हसरत अधूरी ही रह गई

सुषमा स्वराज की प्रयाग कुंभ देखने की हसरत रह गयी अधूरी
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प्रयागराज । विदेशी मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज की प्रयागराज में आयोजित कुम्भ देखने की हसरत अधूरी ही रह गई।

उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्यमंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के मीड़िया प्रभारी दिनेश तिवारी ने आज बताया कि तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कुम्भ मेले में आने का दो बार कार्यक्रम बना लेकिन किसी न किसी कारण से टल गया था। दुनिया के कोने-कोने से जहां श्रद्धालु प्रयाग के कुम्भ में पहुंच कर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन धारा में आस्था की डुबकी लगाकर अपने को धन्य महसूस कर रहे थे वहीं उनका कार्यक्रम रद्द होने का मलाल भी था।

तिवारी ने कहा कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का पिछले साल दिसंबर में विदेशी राजनयिकों के साथ कुम्भ क्षेत्र में आने का कार्यक्रम बना था, लेकिन किसी कारण से उनका कार्यक्रम रद्द हो गया और वह नहीं आ पाई थीं।

दूसरी बार जनवरी 2019 में प्रवासी भारतीयों के साथ पूर्व विदेश मंत्री का भी कार्यक्रम बना था लेकिन दुर्भाग्यवश दूसरी बार भी वह कुम्भ के दर्शन से वंचित रह गयीं। हालांकि इससे पहले वह कई बार इलाहाबाद आ चुकी थीं लेकिन प्रयागराज आने का उन्हें अवसर नहीं मिल सका।
उन्होंने कहा कि सुषमा स्वराज का निधन देश और पार्टी दोनो के लिए बड़ी क्षति है। पार्टी की वह एक ऐसी ओजस्वी वक्ता थीं जिन्हे जनमंत्री भी कहा जाता था। जब वह विदेश मंत्री बनी, उन्होने आम आदमी को विदेश मंत्रालय से जोड़ दिया। वह एक ऐसी सहृदय मंत्री थी जो केवल एक ट्विट पर खाड़ी में फंसे किसी भारतीय की सहायता के लिए तुरंत सक्रिय हो जाती थीं। वह राजनीतिक और गैर-राजनीतिक लोगों की पसंदीदा नेताओं में से एक थीं। समाज और राष्ट्र के लिए वह समर्पित थी।



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