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जन सुरक्षा योजनाओं में नामांकन कराने वालों की घट रही संख्या: सर्वे

मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी जन सुरक्षा योजनाआें पीएमएसबीवाई और पीएमजेजेबीवाई के लिए मिले प्रारंभिक सकारात्मक संकेतों के बाद अब इन योजनाओं काे कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है

जन सुरक्षा योजनाओं में नामांकन कराने वालों की घट रही संख्या: सर्वे
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नयी दिल्ली। मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी जन सुरक्षा योजनाआें ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई)’ के लिए मिले प्रारंभिक सकारात्मक संकेतों के बाद अब इन योजनाओं काे कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिससे इनके लिए नामांकन में न सिर्फ गिरावट आ रही है बल्कि नामांकन कराने वाले अधिकांश लोगों को बीमा प्रदाताओं के नाम तक की जानकारी नहीं है।

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय समावेश परामर्शदाता कंपनी माइक्रोसेव ने इन दोनों योजनाओं को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर सर्वेक्षण एवं अध्ययन किया है जिसकी रिपोर्ट उसने अब जारी की है। यह अध्ययन कंपनी ने वर्ष 2016 में किया था और इसमें करीब 4,000 ग्राहकों और 401 बैंक मित्रों तथा 11 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के चुनिंदा 20 जिलों के 240 दावेदारों को शामिल किया गया था।

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 12 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर दो लाख रुपए का दुर्घटना बीमा मिलता है जबकि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 330 रुपये प्रीमियम पर दो लाख रुपए का जीवन बीमा कवर प्रदान किया जाता है।

अध्ययन में इन दोनों योजनाओं को लेकर कई तरह कमियां पायी गयी हैं और नामांकन कराने वाले 50 प्रतिशत लोगों को पावती रसीद नहीं दी गयी। हालांकि रसीद के लिए अनुरोध करने वाले ग्राहकों की संख्या भी बहुत कम रही।

रिपोर्ट में इन दोनों योजनाओं के प्रति लोगों में विशेष जागरूकता नहीं आने के कई वजहें बतायी गयीं हैं जैसे इन योजनाओं के लिए निगरानी तंत्र न होने के कारण एजेंट्स और ग्राहकों को पॉलिसी नामांकन नवीकरण और दावे को देखने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। पीएमएसबीवाई के 78 प्रतिशत और पीएमजेजेबीवाई के 94 प्रतिशत ग्राहक बीमा प्रदाता का नाम नहीं जानते हैं।


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