सरपंच से भरी पंचायत में मारपीट करने वाले दंपती ने किया समर्पण
पंचायत की मासिक बैठक में सरपंच से मारपीट करने वाली उपसरपंच और उसके पति ने थाने में आत्मसमर्पण कर दिया

मालखैरादा। पंचायत की मासिक बैठक में सरपंच से मारपीट करने वाली उपसरपंच और उसके पति ने थाने में आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। ग्राम सपिया में पंचायत भवन में 24 जुलाई को पंचायत की मासिक बैठक का आयोजन किया गया था। सरपंच ननकीराम सिदार तथा उपसरपंच श्रीमती लक्ष्मी कुमारी राठौर तथा अन्य पंचगण, पंचायत सचिव बलिराम एवं ग्रामीण उपस्थित थे। उसी समय सपिया गांव का ताराचंद राठौर जो उपसरपंच लक्ष्मी राठौर का पति है तथा आदतन अपराधी है। अपने हाथ में लाठी लेकर पंचायत भवन के भीतर घुस गया तथा दोनों पति-पत्नी ने सरपंच को जातिगत गालियां देते हुए लाठी से मारपीट किया जिससे सरपंच के हाथ एवं सिर में चोटें आई जिससे सरपंच दाहिने हाथ के पंजे में फ्रेक्चर हो गया।
लहुलूहान सरपंच को गांव के ही पंच विशाल राठौर द्वारा चौकी फगुरम भद्री चौक लेकर आया जहां सरपंच के रिपोर्ट पर ताराचंद राठौर एवं लक्ष्मी राठौर के विरूद्ध शून्य पर धारा 294, 452, 506 बी, 323 34 भादवि 3 (1-10) एस एसटी एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर नंबरी कायमी हेतु डायरी थाना अजाक जांजगीर भेजी गई। प्रकरण की विवेचना के दौरान एक्सरे रिपोर्ट पर सरपंच के हाथ में फ्रेक्चर की पुष्टि होना पाये जाने पर धारा 325 भादवि एवं धारा 186, 353, 332, 333 भी जोड़ी गई। घटना के बाद से एफआईआर की जानकारी मिलते ही दोनों आरोपीगण फरार हो गए तथा पुलिस अधिकारियों के ऊपर बचाव हेतु राजनीतिक दबाव डालने लगे। पुलिस ने उनकी तलाश के लिये उनके सभी रिश्तेदारों जो मस्तूरी, जांजगीर, गतौरा, खरसिया आदि जगहों पर दबिश दी।
अग्रिम जमानत की अर्जी भी सभी न्यायालय से खारिज हो गई। दोनों पति पत्नी ने एसडीओपी सी.डी तिर्की के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। जहां से वैधानिक कार्रवाई करते हुए आरोपीगणों को विशेष अदालत जांजगीर रिमांड में भेजा गया। ज्ञात हो कि आरोपी ताराचंद राठौर वर्ष 2010 में हुए पंचायत चुनाव में बलवा एवं मारपीट की घटना घटित किया था, जिसमें इसके विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर चालानी कार्रवाई की गई थी। विचारण के बाद मान.न्यायालय द्वारा आरोपी ताराचंद को 03 वर्ष की सजा दी गई थी। ताराचंद बिलासपुर से जमानत पर रिहा है। जमानत की अवधि में जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर इसके द्वारा पुन: अपराध घटित किया गया है।


