बहुमंजिला पार्किंग में सरफेस ठेकेदारों का कब्जा
नोएडा प्राधिकरण में वाहन पार्किंग के नाम पर किस कदर लूट का खेल खेला जा रहा है

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण में वाहन पार्किंग के नाम पर किस कदर लूट का खेल खेला जा रहा है। इसकी कल्पना की ही नहीं जा सकती है। इसका ताजा नमूना सेक्टर-18 में देखा जा सकता है। जहां पर सात डेड लाइन निकल जाने के बाद आधी-अधूरी तैयारी कर मल्टीलेवल पार्किंग का लोकार्पण किया गया।
प्रदेश व केंद्र के मंत्रियों ने नारियल व फीता काटकर इसे आम जन के हवाले कर दिया। एक फरवरी से इस पार्किंग का संचालन डीएलएफ की ओर से किया जाना है, लेकिन पार्किंग पर अभी से सेक्टर-18 में सरफेस पार्किंग संचालित करने वालों ने कब्जा कर लिया है।
लोकार्पण के साथ ही यहा पार्किंग करा शुल्क वसूली शुरू कर दी है। नियमानुसार जब तक यहां पर पार्किंग का संचालन निर्धारित कंपनी शुरू नहीं करती है।
तब तक यहां पर वाहन बिना शुल्क वसूली के पार्क होना चाहिए या यहां पर पार्किंग शुरू नहीं होनी चाहिए। हैरानी की बात यह है कि इस बात की जानकारी नोएडा प्राधिकरण के उच्चाधिकारियों तक को ही नहीं है। जो पूरी व्यवस्था पर ही सवाल खड़ा कर रही है। मामले की जानकारी मिलने के बाद अब प्राधिकरण अधिकारी एक दूसरे पर बात को टालने में जुट गए है। हालात यह है कि पार्किंग में अभी तक न तो पर्याप्त बिजली की व्यवस्था है, न आग से बचने के उपकरण ही लगाए गए है। न ही महिला सुरक्षा के लिए कोई सीसीटीवी व गॉर्ड की तैनाती हुई है। ऐसे में यदि एक फरवरी से पहले कोई बड़ा हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा प्राधिकरण या पुलिस प्रशासन। जैसा विगत दिनों में एनसीआर की पार्किंग मे तमाम घटनाओं को देखा गया है।
सवाल यह भी है कि यदि यहा पार्किंग कराई जा रही है। जो शुल्क वसूली की पर्ची काटी जा रही है। उसका लाभ प्राधिकरण को मिलेगा या फिर यह पैसा सीधे पार्किंग ठेकेदार के जेब में जाएगा। कांट्रेक्टर के अनुसार पार्किंग का संचालन एक फरवरी से डीएलएफ को करना है, लेकिन अभी पार्किंग में सुरक्षा से लेकर बिजली तक नहीं है लेकिन पार्किंग का प्रयोग करने के अलावा पार्किंग स्थल तक पहुंचने वाले 30 मीटर चौड़ी सड़क पर भी पार्किंग की जा रही है।
यहा लोगों को पार्किंग के नाम पर पर्ची भी काट कर दी जा रही है लेकिन इस पार्किंग का असल वारिस कौन है पार्किंग का संचालन डीएलएफ की बजाए सरफेस पार्किंग के ठेकेदार क्यों करवा रहे है। यह बात अभी समझ नहीं आ रही है। बात दें कि 243.32 करोड़ में पार्किंग का निर्माण सेक्टर-18 में किया गया।
एक फरवरी से सरफेस पार्किंग के अलावा मल्टीलेवल पार्किंग की जिम्मेदारी डीएलएफ को दी जानी है। इसके बदले संचालन करने वाली कंपनी को प्रत्येक माह प्राधिकरण के खाते में 75 लाख व कुल मुनाफे का 40 प्रतिशत भाग भी प्राधिकरण खाते में जमा करना है। मुनाफे के 60 प्रतिशत हिस्से से कंपनी बहुमंजिला पार्किंग में अनुरक्षण या बचे हुए काम जैसे बैरियर, लाइटिंग, सेंसर आदि की व्यवस्था करना है लेकिन ऐसा कुछ हुए बगैर ही पार्किंग में कार खड़ी की जा रही है। ऐसा संचालन अभी करीब छह दिन और चलेगा।
सात बार बदली गई थी डेड लाइन
मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण 22 जुलाई 2013 को शुरू हुआ था जिसे 21 जुलाई 2015 तक पूरा किया जाना था। लोकार्पण के बाद भी पार्किंग का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है। इसे 24 जनवरी 2018 को आधी-अधूरी तैयारियों के साथ खोल दिया गया।
अभी तक बिल्डिंग के आधे भाग में भी रंगाई पुताई सकी है। बिल्डिंग में लाइट, आग, सीसीटीवी के अलावा लिफ्ट व तमाम सुरक्षा के उपकरण अभी तक नहीं लगाए जा सके है। देरी होने के चलते ही प्राधिकरण ठेकेदार पर करीब एक करोड़ रुपए का जुर्माना तक लगा चुका है।


