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सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा, आप अभिषेक बनर्जी से पूछताछ में मदद के लिए पुलिस को आदेश दे सकते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ईडी से कहा कि वह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी से पूछताछ में मदद के लिए कोलकाता पुलिस को आदेश दे सकता है

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा, आप अभिषेक बनर्जी से पूछताछ में मदद के लिए पुलिस को आदेश दे सकते हैं
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ईडी से कहा कि वह सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी से पूछताछ में मदद के लिए कोलकाता पुलिस को आदेश दे सकता है। न्यायमूर्ति यू.यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू से पूछा कि एजेंसी दिल्ली के बजाय कोलकाता में बनर्जी से पूछताछ क्यों नहीं कर सकती, क्योंकि राजनेता अब तक सिर्फ एक गवाह हैं, संभावित आरोपी नहीं।

इस पर राजू ने कहा कि बनर्जी एक प्रभावशाली राजनेता हैं। उन्होंने कहा, "मी लॉर्ड, आप जानते हैं कि कोलकाता में केंद्रीय एजेंसियों के साथ कैसा व्यवहार किया गया..सीबीआई अधिकारियों का घेराव किया गया..मुझे यह नहीं कहना चाहिए।"

पीठ में शामिल जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि ईडी कोलकाता पुलिस को सभी सहायता प्रदान करने का आदेश दे सकती है और कुछ होने पर पश्चिम बंगाल सरकार को जवाबदेह ठहराया जा सकता है।

पीठ ने मौखिक रूप से कहा, "हम कहेंगे कि जिस क्षण, आप 72 घंटे पहले मांग करेंगे, कोलकाता पुलिस सहयोग करेगी।"

"हम पश्चिम बंगाल सरकार को जवाबदेह ठहराएंगे।"

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलील दी कि सीआरपीसी की धारा 160 के तहत पुलिस को गवाहों से उनके निवास स्थान पर पूछताछ करनी चाहिए। सिब्बल ने कहा, "मैं जांच के लिए मना नहीं कर रहा हूं। मैं कह रहा हूं कि कोलकाता आएं.. वे चाहते हैं कि मैं दिल्ली आऊं।"

ईडी के वकील ने तर्क दिया कि सीआरपीसी की धारा 160 केवल पुलिस जांच पर लागू होती है न कि ईडी जांच पर, जो धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 50 द्वारा शासित है।

पीठ ने यह भी बताया कि ईडी यह नहीं कह रहा है कि बनर्जी और उनकी पत्नी को एक आरोपी के रूप में समन जारी किया गया था। एएसजी ने कहा कि वह इस पहलू पर जानकारी प्राप्त करेंगे और उन्होंने स्थगन की मांग की।

पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए मंगलवार का दिन निर्धारित किया और मौखिक रूप से कहा कि इस बीच याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।

शीर्ष अदालत दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली बनर्जी द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी। शीर्ष अदालत ने कथित पश्चिम बंगाल कोयला घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में जारी ईडी के समन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर चुकी है।

अधिवक्ता सुनील फर्नाडीस के माध्यम से दायर बनर्जी और उनकी पत्नी की याचिका में कहा गया है : "जिस पार्टी से याचिकाकर्ता नंबर 1 (अभिषेक) जुड़ा हुआ है, उसने केंद्र में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल पर व्यापक रूप से निशाना साधे जाने का उचित कारण दिया, क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।"

"ईडी कोलकाता में अपना पूर्ण कार्यालय होने के बावजूद उन्हें नई दिल्ली कार्यालय में पूछताछ में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहा है। ईडी कथित अपराध की ईमानदारी से और तेजी से जांच करने के बजाय याचिकाकर्ताओं के प्रति पूर्वाग्रह पालने में अधिक रुचि रखता है।"


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