आदर्श घोटाला : उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई से जवाब तलब किया
उच्चतम न्यायालय ने मुंबई की आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी की याचिका पर आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब तलब किया

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मुंबई की आदर्श कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी की याचिका पर आज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जवाब तलब किया।
सोसाइटी ने आदर्श घोटाला मामले की जांच के दौरान फ्रीज किये गये अपने बैंक खातों को फिर से खोलने का सीबीआई को निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया है।
सोसाइटी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ के समक्ष दलील दी कि उसे 31-मंजिली इमारत के रखरखाव के लिए धन की जरूरत है, इसलिए उनके बैंक खातों को खोलने का आदेश सीबीआई को दिया जाना चाहिए।
सुश्री अरोड़ा ने दलील दी कि जब्त बैंक खातों का धन सोसाइटी का है, जिसका इस कथित घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने बैंक खातों पर लगी रोक हटाने से इन्कार करते हुए उसकी याचिका खारिज कर दी और कहा कि इस मामले में आपराधिक मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक खाते सील ही रहेंगे।
सोसाइटी के वकील की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने जांच एजेंसी को दो सप्ताह के भीतर जवाब दायर करने का निर्देश दिया।
गौरतलब है कि आदर्श घोटाले से उठे राजनीतिक बवंडर की वजह से महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
महाराष्ट्र सरकार ने इस घोटाले की जांच के लिए 2011 में न्यायमूर्ति जे ए पाटिल की अध्यक्षता में दो-सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था।
आयोग ने दो साल से अधिक समय तक जांच के बाद 2013 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें उसने 25 गैर-कानूनी आवंटनों का पता लगाया था।
बाद में सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने भी इस घोटाले की जांच की थी।


