सुप्रीम कोर्ट के सुझाए वो नाम जिन पर शुरू हुआ विवाद
केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों पर रोक लगाकर सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जो समिति बनाई है, उनमें किसान नेता और कृषि विशेषज्ञ शामिल हैं

नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों पर रोक लगाकर सुप्रीम कोर्ट ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए जो समिति बनाई है, उनमें किसान नेता और कृषि विशेषज्ञ शामिल हैं। डेढ़ महीने से जारी किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी और मसले के समाधान के लिए एक समिति बनाने की घोषणा की।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई इस समिति में कृषि अर्थशास्त्री एवं कृषि मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले कृषि लागत और मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी, कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद कुमार जोशी के अलावा दो किसान नेता भी शामिल हैं। हालांकि, ये दोनों नेता उन किसान संगठनों के नहीं हैं, जो देश की राजधानी की सीमाओं पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे हैं।
समिति में शामिल किसान नेताओं में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सदस्य भूपिंदर सिंह मान और महाराष्ट्र के किसान संगठन शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट शामिल हैं।
पद्म अलंकरण से सम्मानित अशोक गुलाटी जानेमाने कृषि अर्थशास्त्री हैं। वह कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
वहीं, डॉ. जोशी कृषि अनुसंधान के क्षेत्र के जाने-पहचाने नाम हैं। वह कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी के निदेशक रहे हैं। समिति में शामिल दो किसान नेताओं और कृषि क्षेत्र के जानकारों में भूपिंदर सिंह मान और अनिल घनवट कृषि सुधारों के पक्षधर रहे हैं।
आपको बता दें कि इन सभी नामों पर सियासत भी शुरु हो गई है। किसानों का साफ कहना है कि 4 में 3 नाम वो है जो पहले से ही सरकार के पक्ष में हैं और साथ ही नए कृषि कानूनों का समर्थन करते हैं। किसानों ने कहा कि अब ऐसे में हमारे साथ न्याय कैसे हो पाएगा। किसानों का साफ कहना है कि हमें ये नए कृषि कानून नहीं चाहिए और जब तक सरकार इसे रद्द नहीं करती तब तक हम आंदोलन करते रहेंगे।


