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सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार में राजनीतिक दलों के खर्च को सीमित करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव आयोग को चुनाव प्रचार में राजनीतिक दलों द्वारा खर्च की सीमा तय करने का निर्देश देने की मांग की गई थी

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार में राजनीतिक दलों के खर्च को सीमित करने की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें चुनाव आयोग को चुनाव प्रचार में राजनीतिक दलों द्वारा खर्च की सीमा तय करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली और जस्टिस जे.बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने मौखिक रूप से कहा कि याचिका नीतिगत मामलों या विधायी परिवर्तनों से संबंधित मुद्दों को उठाती है।

पीठ ने कहा, "हम इस तरह की याचिका पर कैसे विचार कर सकते हैं? हम संसद को इस विषय पर कानून बनाने का आदेश नहीं दे सकते। हम संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। इसलिए याचिका खारिज की जाती है।''

हरियाणा के सोनीपत के एक निवासी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि कानून में पर्याप्त प्रावधान होने के बावजूद, चुनाव में प्रचार पर खर्च किया जाने वाला पैसा क़ानून में निर्धारित सीमा से कहीं अधिक है। इसमें यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि चुनाव आयोग उम्मीदवारों के नामांकन की तारीख से चुनाव के खर्च की गणना करे और राजनीतिक दलों द्वारा खर्च की सीमा तय करे।

याचिका में यह भी मांग की गई है कि चुनाव के 48 घंटे के भीतर पेड अखबारों, मीडिया या सोशल मीडिया के जरिए प्रचार बंद किया जाना चाहिए।


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