भारतीय मछुआरों की वापसी मामले में आदेश देने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार
उच्चतम न्यायालय ने ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाने और उन तक आर्थिक मदद पहुंचाने संबंधी याचिका पर मंगलवार को कोई आदेश जारी करने से इन्कार कर दिया।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने ईरान से भारतीय मछुआरों को वापस लाने और उन तक आर्थिक मदद पहुंचाने संबंधी याचिका पर मंगलवार को कोई आदेश जारी करने से इन्कार कर दिया।
न्यायमूर्ति एन. वी. रमन, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के दौरान कहा, “फिलहाल हम कोई आदेश नहीं देंगे।”
न्यायालय ने यह बात उस वक्त कही जब सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से कहा कि ईरान में भी लॉकडाउन है और वहां अंतरराज्यीय सीमा सील है। उन्होंने कहा कि भारतीय दूतावास दूरदराज के इलाकों में रह रहे इन लोगों के संपर्क में है। सभी लोग लांग टर्म वीज़ा पर हैं, उनके पास भोजन, व्हाट्सऐप कनेक्शन है।
याचिकाकर्ता सांता मुत्थुलिंगम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने दलील दी कि उनके पास इस बात के सबूत मौजूद हैं कि वहां भारतीय मछुआरों के खाने-पीने की चीजों के बिल बढ़ाकर चार्ज किये जा रहे हैं। श्री मेहता ने याचिका में लगाये गये आरोपों और श्री शंकरनारायण की दलीलों में विरोधाभास का मसला उठाया।
इसके बाद न्यायालय ने कहा कि कोरोना की समस्या दुनिया भर में है और सरकार जितना कर सकती है कर ही रही है।
न्यायमूर्ति रमन ने कहा, “वे (भारतीय मछुआरे) लंबे वीजा अवधि पर हैं, वे व्हाट्सऐप के जरिये संपर्क में हैं ही। सरकार को मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार कदम उठाने दीजिए।”


