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सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में निर्माण कार्य पर रोक लगाई

निर्माण व विध्वंस कार्यो के दौरान उड़ने वाली धूल को वायु प्रदूषण का अहम कारक मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस तरह की गतिविधि में शामिल होने वालों के खिलाफ एक लाख रुपये का जुर्माना तय कर दिया

सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर में निर्माण कार्य पर रोक लगाई
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नई दिल्ली। निर्माण व विध्वंस कार्यो के दौरान उड़ने वाली धूल को वायु प्रदूषण का अहम कारक मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस तरह की गतिविधि में शामिल होने वालों के खिलाफ एक लाख रुपये का जुर्माना तय कर दिया और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कूड़ा जलाते पाए जाने पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि दिल्ली व एनसीआर में कोई निर्माण व विध्वंस कार्य नहीं होना चाहिए और उल्लंघन के मामले में स्थानीय प्रशासन को निजी तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

कोर्ट ने कूड़ा जलाने पर भी रोक लगाई और नगर निकाय से खुले में कचरे फेंके जाने पर भी रोक लगाई।

यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा व दीपक गुप्ता की पीठ द्वारा वायु प्रदूषण से जुड़े मामले पर सुनवाई के दौरान दिया गया। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण गंभीर हालत में पहुंच गया है।

जब पीठ से कहा गया कि राष्ट्रीय राजधानी में पराली जलाने के अलावा निर्माण गतिविधियों व कूड़ा जलाना प्रदूषण के प्रमुख कारकों में से है तो अदालत ने राज्य सरकारों व नगर निकायों को अपराधियों को दंडित करने को कहा।

न्यायमित्र अपराजिता सिंह ने कोर्ट को बताया कि निर्देशों के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण व विध्वंस कार्य चल रहा है। उन्होंने यह भी जिक्र किया कि निर्माण कार्यो पर रोक सिर्फ अखबारों में दिखाई देता है।


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