आरबीआई अफसरों की जांच की मांग वाली स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न बैंकिंग घोटालों में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों की भूमिका की सीबीआई जांच की मांग वाली भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सोमवार को सीबीआई और आरबीआई को नोटिस जारी किया

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न बैंकिंग घोटालों में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों की भूमिका की सीबीआई जांच की मांग वाली भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सोमवार को सीबीआई और आरबीआई को नोटिस जारी किया। केंद्रीय बैंक और जांच एजेंसी को जस्टिस बी.आर. गवई और बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने नोटिस जारी किया।
स्वामी ने याचिका में अनुरोध किया है कि बैंकिंग घोटालों की जांच सीबीआई या कोई भी प्राधिकरण करे और जांच में उन सभी निदेशकों को शामिल किया जाना चाहिए, जो ऋण आवंटित करने की प्रक्रिया से जुड़े थे।
पीठ ने पूछा कि सीबीआई को जब तक किसी व्यक्ति विशेष द्वारा निभाई गई कोई विशिष्ट भूमिका का पता नहीं चलता, क्या अदालत जांच का निर्देश दे सकती है?
स्वामी ने कहा कि याचिका में जिनका जिक्र किया गया है, वे नामित निदेशक हैं, न कि सामान्य व्यक्ति। उन्होंने कहा कि वे आरबीआई द्वारा नियुक्त व्यक्ति हैं और जोखिम तत्व पर एक समिति का नेतृत्व करते हैं और यह स्पष्ट है कि वे निदेशक मंडल के पूर्ण अधिकार प्राप्त सदस्य हैं।
उन्होंने कहा कि अन्य निदेशकों की तरह आरबीआई के अधिकारियों की जांच नहीं करना अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
पीठ ने पूछा, "अन्य निदेशकों के संबंध में जांच की क्या स्थिति है?" इस पर स्वामी ने कहा कि पिछले दस वर्षो में जांच किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है।
दलीलें सुनने के बाद पीठ ने कहा, "हम विचार करेंगे। नोटिस जारी किया जाए।"
स्वामी द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि विभिन्न संस्थाओं - किंगफिशर, यस बैंक आदि से जुड़े घोटालों में आरबीआई के अधिकारियों की संलिप्तता की जांच नहीं की गई है और आरबीआई के अधिकारी कथित तौर पर अपनी संलिप्तता के संबंध में जांच से बचते रहे हैं।
दलील में तर्क दिया गया कि विभिन्न परियोजनाओं के लिए बैंक के धन आवंटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद रिजर्व बैंक के नामितों से सीबीआई ने पूछताछ नहीं की है।


