सुप्रीम कोर्ट ने आदेश नहीं मानने पर एसएचओ पर जुर्माना लगाया
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक थाने के एसएचओ पर जुर्माना लगाया है

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश पुलिस के एक थाने के एसएचओ पर जुर्माना लगाया है। एसएचओ पर निर्देशों का पालन करने में विफल रहने, आदेशों का पालन सुनिश्चित नहीं करने और न्यायिक कार्यवाही की अखंडता बनाए रखने में विफल रहने के लिए जुर्माना लगाया गया है।
जिन पर जुर्माना लगाया गया है, वह गौतम बुद्ध नगर में नोएडा सेक्टर 49 थाने के एसएचओ हैं। मामला दहेज हत्या से संबंधित है।
कोर्ट के 29 जनवरी के आदेश के बावजूद, जिसमें 7 फरवरी को ट्रायल कोर्ट के समक्ष मृतक के परिवार से गवाहों को पेश करने की जरूरत थी, अनुपालन उल्लेखनीय रूप से अनुपस्थित था।
याचिकाकर्ता/अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 बी (दहेज हत्या) के तहत दर्ज एक मामले में पांच साल से अधिक समय तक जेल में रखा गया था और मुकदमा गौतम बुद्ध नगर अदालत में लंबित है।
आरोपियों की तरफ से अधिवक्ता रुद्र विक्रम सिंह और अभिषेक सिंह ने पैरवी की। सुप्रीम कोर्ट ने जिला पुलिस के प्रमुख को उक्त गवाहों को पेश करने में विफलता के पीछे के कारणों को स्पष्ट करते हुए एक हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
इसके अलावा, एसएचओ/जांच अधिकारी पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसका भुगतान व्यक्तिगत निधि से किया जाएगा। स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा इसकी प्रतिपूर्ति नहीं की जाएगी। यह रुपये एक सप्ताह के भीतर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड वेलफेयर फंड में जमा की जानी है।
कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगली निर्धारित तारीख पर या अगली सुनवाई के 15 दिनों के भीतर गवाहों को पेश करने में विफलता पर दोषी अधिकारी या पदाधिकारी के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्यवाही की जाएगी। मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी।


