प्रोटेम स्पीकर के जी बोपैया की नियुक्ति मामले पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज
च्चतम न्यायालय भारतीय जनता पार्टी विधायक के जी बोपैया को कर्नाटक विधानसभा में अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के खिलाफ कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन की नयी याचिका पर आज सुनवाई शुरु हो गई है

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय भारतीय जनता पार्टी विधायक के जी बोपैया को कर्नाटक विधानसभा में अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के खिलाफ कांग्रेस-जनता दल (एस) गठबंधन की नयी याचिका पर सुनवाई शुरु हो गई है।

कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन ने बोपैया को कर्नाटक विधानसभा में अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के खिलाफ कल रात उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। कांग्रेस-जद(एस) की ओर से वकीलों के एक समूह ने न्यायालय के रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचकर याचिका दायर की।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कल रात इस मामले को न्यायमूर्ति ए के सिकरी की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का फैसला लिया था। खंडपीठ के दो अन्य सदस्य न्यायमूर्ति अशोक भूषण अौर न्यायमूर्ति एस के बोबडे हैं।
याचिका में दावा किया गया है कि बौपेया की नियुक्ति असंवैधानिक है अौर इसे रद् किया जाए। आठ पेज की इस याचिका में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय को इस मसले पर उचित आदेश पारित करने चाहिए कि विधानसभा में आज होने वाले शक्ति परीक्षण को विभाजन के आधार पर कराया जाना चाहिए यानि ऐसे विधायकों को अलग किया जाए जो शक्ति परीक्षण के समर्थन में हैं और जो विधायक इसके विरोध में हैं उन्हें अलग किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि अस्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति में तय संसदीय परंपरा और नीति का पालन नहीं किया गया है और एक कनिष्ठ विधायक को अस्थायी अध्यक्ष बना दिया गया है जिनका रिकार्ड सदस्याें की अयोग्यता के बारे में पक्षपाती निर्णय देने वाला रहा है और उनका आचरण भी विवादों के घेरे में है। इसी वजह से उनकी कईं बार कड़ी आलोचना भी हुई है और न्यायालयों ने उनके खिलाफ कड़ी प्रतिक्रियाए भी की हैं।
कांग्रेस-जद(एस) बोपैया की नियुक्ति का यह कहकर विरोध कर रहे हैं कि संसदीय परम्परा के अनुसार अस्थायी अध्यक्ष वरिष्ठतम विधायक को नियुक्त किया जाता है और ऐसा विधायक कांग्रेस में है, न कि श्री बोपैया। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि विश्वास प्रस्ताव से संबंधित मतदान में गड़बड़ी करने के इरादे से ही श्री बोपैया को अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।


