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एडल्टरी तलाक का आधार हो सकता है लेकिन अपराध नहीं: सुप्रीम कोर्ट

 उच्चतम न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में व्यभिचार संबंधी प्रावधान को असंवैधानिक करार दिया

एडल्टरी तलाक का आधार हो सकता है लेकिन अपराध नहीं: सुप्रीम कोर्ट
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नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज एक ऐतिहासिक फैसले में व्यभिचार संबंधी प्रावधान को असंवैधानिक करार दिया।

मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच-सदस्यीय संविधान पीठ ने परस्त्रीगमन से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 497 को निरस्त कर दिया।

सर्वोच्च अदालत ने आज एक अहम फैसले में व्यभिचार (अडल्टरी) कानून को असंवैधानिक करार देते हुए इसे अपराध मानने से इनकार कर दिया है। अदालत की पांच जजों की पीठ ने कहा कि यह कानून असंवैधानिक और मनमाने ढंग से लागू किया गया था।


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