सुप्रीम कोर्ट का सुपरटेक को 10 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश
उच्चतम न्यायालय ने नोएडा स्थित सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट के निवेशकों को राहत प्रदान करते हुए रियल एस्टेट कंपनी को 10 करोड़ रुपये जमा कराने का आज निर्देश दिया।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने नोएडा स्थित सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट के निवेशकों को राहत प्रदान करते हुए रियल एस्टेट कंपनी को 10 करोड़ रुपये जमा कराने का आज निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया।पीठ के इस निर्देश पर अमल के बाद निवेशकों को काफी राहत मिलेगी।
इसी पीठ के सामने कई रियल एस्टेट कंपनियों से संबंधित मामलों की सुनवाई हो रही है, जिसमें सुपरटेक के अलावा यूनिटेक और आम्रपाली जैसे बिल्डर्स शामिल हैं।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट के दो टावर्स को अवैध मानते हुए उसे गिराने के आदेश दिये थे, लेकिन इस आदेश पर शीर्ष अदालत ने रोक लगा दी थी।
बैंकों और वित्तीय संस्थाओं की ओर से रियल एस्टेट फर्मों को दिवालिया घोषित करने के लिए लाखों मकान खरीदारों के अधिकारों और वित्तीय हितों की रक्षा के लिए न्यायालय में एक नई जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि नयी दिवाला संहिता, 2016 में वित्तीय लेनदारों या सक्रिय लेनदारों की परिभाषा में मकान खरीदारों को शामिल नहीं किया गया है।उन्हें लेनदारों की सूची में सबसे अंत में रखा गया है, जिनके दावों का निपटारा दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही के दौरान किया जायेगा।


