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सज्जन को गुरुवार को एम्स बोर्ड के समक्ष पेश करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने कहा कि मेडिकल बोर्ड तय करेगा कि सज्जन कुमार को एम्स में भर्ती करने की जरूरत है या नहीं।

सज्जन को गुरुवार को एम्स बोर्ड के समक्ष पेश करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
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नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 1984 के सिख विरोधी दंगे से जुड़े मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को स्वास्थ्य जांच के लिए गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिकल बोर्ड के समक्ष 1030 बजे ले जाने का बुधवार को निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने कहा कि मेडिकल बोर्ड तय करेगा कि सज्जन कुमार को एम्स में भर्ती करने की जरूरत है या नहीं। न्यायालय ने कहा कि मेडिकल बोर्ड एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट खंडपीठ को सौंपेगा।

सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार के वकील विकास सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल का वजन 67 किलोग्राम से घटकर 53 किलोग्राम हो गया है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने एम्स की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि गत 10 दिसंबर को आठ डॉक्टरों की टीम ने जांच की थी। उनके सभी अंग सही काम कर रहे हैं। उनका सिर्फ रक्तचाप बढ़ा हुआ है। कोई असामान्य परेशानी नहीं है।

मेहता ने कहा कि एम्स के ही विशेषज्ञों ने रिपोर्ट दी है और तीन महीने के अंतराल पर जांच की सिफारिश भी की थी।

मुख्य न्यायाधीश ने सज्जन कुमार की उम्र पूछी, इस पर उनके वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की उम्र 75 साल है।

इस मामले के एक पक्ष के वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि आज भले ही सज्जन कुमार की उम्र ज़्यादा है लेकिन उनके क्षेत्र में उस दौरान कई लोगों की हत्याएं हुई थी।

सज्जन कुमार ने अपने बिगड़ते स्वास्थ्य के मद्देनजर जमानत पर रिहा करने का न्यायालय से अनुरोध किया है।


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