Top
Begin typing your search above and press return to search.

गुरुग्राम में बच्चे की हत्या के नाबालिग आरोपी को जमानत देने से सर्वोच्च न्यायालय का इंकार

सर्वोच्च न्यायालय ने आज  हरियाणा जिले के गुरुग्राम में एक निजी विद्यालय में सात वर्षीय बच्चे की हत्या करने वाले नाबालिग आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया

गुरुग्राम में बच्चे की हत्या के नाबालिग आरोपी को जमानत देने से सर्वोच्च न्यायालय का इंकार
X

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने आज हरियाणा जिले के गुरुग्राम में एक निजी विद्यालय में सात वर्षीय बच्चे की हत्या करने वाले नाबालिग आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। किशोर न्याय बोर्ड ने घोषणा की हुई है कि आरोपी पर बालिग की तरह मामला चलाया जाएगा।

न्यायमूर्ति रोहिगटन फली नरीमन और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की पीठ ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मामले में 60 दिनों के अंदर आरोपपत्र दाखिल नहीं किया, इसलिए आरोपी को जमानत दी जानी चाहिए।

अदालत ने कहा कि 16 वर्षीय आरोपी छात्र पर आईपीसी की धारा 302 के अंतर्गत जघन्य अपराध करने का आरोप लगाया गया है और इसके लिए आरोपपत्र दाखिल करने की समयसीमा 90 दिन है, न कि 60 दिन।

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 6 जून को आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। सत्र न्यायालय और किशोर न्याय बोर्ड ने भी उसकी जमानत देने से इनकार कर दिया था।

याचिका खारिज करते हुए उच्च न्यायालय ने सीबीआई के तर्क को सही माना था कि यह मामला उस वर्ग में शामिल है जहां आरोपपत्र दाखिल करने की समयसीमा 90 दिनों की है।

8 सितंबर 2017 को बच्चे का शव स्कूल के शौचालय में पाया गया था। उसकी गला काटकर हत्या की गई थी।

मामले में पहले एक बस कंडक्टर को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में बच्चे के हत्या के आरोप में उसी स्कूल के कक्षा 11 के छात्र को गिरफ्तार किया गया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it