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सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम 'यूपीएससी जिहाद' मामले में केंद्र के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि समिति द्वारा सिफारिशों के आधार पर सोमवार को समाचार चैनल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है

सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम यूपीएससी जिहाद मामले में केंद्र के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई टाली
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुदर्शन टीवी के कार्यक्रम 'यूपीएससी जिहाद' के मामले सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अंतर मंत्रालय समिति ने यूपीएससी जिहाद कार्यक्रम के आगे के एपिसोड के प्रसारण पर सलाह देते हुए अपनी कुछ अतिरिक्त सिफारिशें दी हैं। केंद्र ने कहा कि सुदर्शन न्यूज को समिति की सिफारिशों को संबोधित करने का अवसर दिया जाना चाहिए। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से स्थगन की मांग वाले एक पत्र के जरिए सुनवाई को टालने का अनुरोध किया, जिसके बाद न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने इसकी अनुमति दे दी।

केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि समिति द्वारा सिफारिशों के आधार पर सोमवार को समाचार चैनल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, और इस पर सुनवाई मंगलवार को होगी।

पत्र में कहा गया है, "भारत संघ सम्मानपूर्वक स्वीकार करता है कि उक्त प्रक्रिया चालू है और एक उन्नत स्तर पर है। यह कहा गया है कि सुदर्शन टीवी न्यूज चैनल को सुनवाई का अंतिम अवसर देने के बाद ही केंद्र सरकार केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम, 1995 की धारा 20 की उप-धारा (3) के तहत एक आदेश पारित करने की स्थिति में होगी।"

पत्र में कहा गया है, "केंद्र सुदर्शन टीवी समाचार चैनल को एक और अवसर देने के लिए बाध्य है।"

अंतर-मंत्रालयी समिति द्वारा दी गई सिफारिश और भविष्य के कार्यक्रम के संबंध में की गई अतिरिक्त सिफारिश का जिक्र करते हुए पत्र में बताया गया है, "उक्त प्रक्रिया को केंद्र सरकार के आदेश के अनुपालन के लिए आवश्यक है, ताकि प्राकृतिक न्याय का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।"

पत्र में बताया गया है, "नोटिस के अनुसरण में, सुदर्शन समाचार से एक उत्तर मिला और उस पर विचार करने और सिफारिशों के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) को भेज दिया गया। इसके बाद आईएमसी ने अपनी कार्यवाही आयोजित की, जिसमें सुदर्शन न्यूज को लिखित दलीलें दाखिल करने के साथ-साथ मौखिक दलीलें देकर मामले का प्रतिनिधित्व करने का पूरा मौका दिया गया।"

समाचार चैनल के प्रतिनिधियों को सुनने के बाद आईएमसी ने चार अक्टूबर को केंद्र को अपनी सिफारिश दी है।

23 सितंबर को केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि यह प्रथम दृष्टया पाया गया है कि यूपीएससी जिदाह कार्यक्रम ने प्रोग्राम कोड का उल्लंघन किया है। परिणामस्वरूप चैनल को यह दिखाने के लिए एक विस्तृत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि इसके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने 15 सितंबर को इस टीवी शो के शेष एपिसोड को रोकने का आदेश पारित कर दिया था।


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