Top
Begin typing your search above and press return to search.

आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म पर सर्वोच्च न्यायालय चिंतित

8 माह की बच्ची के साथ उसके कजिन द्वारा किए गए दुष्कर्म को लेकर सर्वोच्च न्यायालय को चिंता जाहिर की और निर्देश दिया कि दिल्ली स्थित एम्स के 2 चिकित्सक बच्ची को देखने उस अस्पताल जाएं जहां वह भर्ती है

आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म पर सर्वोच्च न्यायालय चिंतित
X

नई दिल्ली। आठ माह की बच्ची के साथ उसके रिश्तेदार (कजिन) द्वारा किए गए दुष्कर्म को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को चिंता जाहिर की और निर्देश दिया कि नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के दो चिकित्सक बच्ची को देखने उस अस्पताल जाएं जहां वह भर्ती है और वे तय करें कि क्या उसे एम्स में स्थानांतरित किया जा सकता है। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया कि अगर बच्ची को एम्स स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है तो फिर वहां के चिकित्सक बच्ची को निजी रूप से देखें।

पीठ ने बच्ची के साथ दुष्कर्म को अत्यंत गंभीर चिंता का विषय बताया और एम्स के डॉक्टरों को गुरुवार तक रपट देने का निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, "बच्ची का स्वास्थ्य हमारे लिए ज्यादा चिंता का विषय है।" इसके बाद केंद्र सरकार ने अदालत को आश्वस्त किया कि पीड़िता को सर्वोत्तम चिकित्सा प्रदान की जाएगी।

अदालत ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के एक सदस्य को भी डॉक्टरों के साथ बच्ची के पास जाने को कहा।

शीर्ष अदालत ने अधिवक्ता अलख आलोक की ओर दाखिल जनहित याचिका पर यह आदेश दिया, जिन्होंने अदालत से अधिकारियों को बच्ची को तुरंत एम्स में स्थानांतरित करने का आदेश देने और उसे यथासंभव बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने की मांग की है।

उन्होंने बताया कि बच्ची को गंभीर बाहरी व भीतरी जख्म आए जिसके चलते करीब तीन से चार घंटे तक उसकी सर्जरी की गई।

याचिका के मुताबिक, इस समय बच्ची दिल्ली के एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत नाजुक और तकलीफदेह बनी हुई है। बच्ची एक बहुत ही गरीब परिवार से आती है। उसके पिता मजदूरी करते हैं और मां घरों में नौकरानी का काम करती हैं।

पीड़िता के 28 वर्षीय रिश्तेदार ने रविवार को शराब के नशे में बच्ची के साथ दुष्कर्म करने की बात कबूल की।

पुलिस के मुताबिक, उत्तरी दिल्ली स्थित नेताजी सुभाष प्लेस निवासी बच्ची के माता-पिता काम पर जाया करते थे और बेटी को अपनी रिश्तेदार के पास छोड़ जाया करते थे। चूंकि रविवार का दिन था, इसलिए रिश्तेदार का 28 साल का बेटा घर पर था। कथित तौर पर उसने जब अपनी मां को आसपास नहीं पाया तो उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया।

बच्ची की मां जब अपराह्न् लगभग 12.30 बजे घर लौटी तो उसने अपनी बेटी के कपड़े पर खून के धब्बे देखकर अपने पति को इसकी खबर दी।

बच्ची को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ है। इसके बाद पुलिस बुलाई गई और मामला दर्ज किया गया।

जनहित याचिका में बच्ची के माता-पिता को तत्काल 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की गई है। साथ ही याचिकाकर्ता ने अदालत से पोस्को कानून के तहत 12 साल से कम उम्र के बच्चों से दुष्कर्म के मामले में जांच व सुनवाई के लिए उचित दिशा-निर्देश तय करने की गुहार लगाई, जिससे जांच व सुनवाई प्रथम जांच रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज होने के छह महीने के भीतर पूरी हो।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it